खंबा बाबा को हेलियोडोरस स्तंभ भी कहा जाता है। पत्थर से बना यह स्तंभ विदिशा रेलवे स्टेशन से 4 किमी दूर है। यह एक स्वतंत्र रूप से खड़ा विशाल स्तंभ है। इस पर दर्ज अभिलेख में लिखा गया है कि इसे भगवानों के भगवान यानी वासुदेव के सम्मान में हेलियोडोरस द्वारा स्थापित किया गया था।
ऐसा माना जाता है कि हेलियोडोरस ऐसे पहले विदेशी थे जो भगवान विष्णु की पूजा करते थे। ग्रीस राजा एंटीयालसिडस ने अपने शासनकाल में डियोन के पुत्र हेलियोडोरस को विदिशा के सुंगा कोर्ट में पर्सनल एंबेसेडर बनाकर भेजा था। यह जानकारी इस गरुड़ स्तंभ के अभिलेख पर भी दर्ज है। इस स्तंभ को स्थानीय लोग खंबा बाबा के नाम से भी जानते हैं। यह स्तंभ इस क्षेत्र के भोस और धिमार समूह के लोगों का पसंदीदा देवता है।
हेलियोडोरस स्तंभ को ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी के आरंभ में स्थापित किया गया था। स्तंभ की चोटी पर गरुड़ की एक मूर्ति बनी हुई है। हल्के भूरे रंग के इस स्तंभ के तीन भाग हैं- फलकित छड़, बेल केपिटल और गरुड़ की मूर्ति जो कि एक क्षतिग्रस्त एबेकस पर स्थित है।