रामेश्वर महादेव मन्दिर विन्ध्याचल में विन्ध्यवासिनी देवी मन्दिर से एक किमी तथा मीरजापुर से आठ किमी की दूरी पर राम गया घाट पर स्थित है। मन्दिर का नाम उस पूजा या श्राद्ध के नाम से प्राप्त होता है जिसे भगवान राम ने भगवान शिव के सम्मान में अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिये की थी। ऐसा माना जाता है कि ऐसा भगवान राम ने अपने गुरू वशिष्ठ के कहने पर किया था। उन्होनें उनकी याद में शिवलिंग की भी स्थापना की थी।
यह मन्दिर विन्ध्यवासिनी देवी और अष्टभुजा देवियों को समर्पित मन्दिरों के बीच स्थित है। ये तीनों मन्दिर महात्रिकोण- महान त्रिकोण की रचना करते हैं।
भक्त इन तीनों मन्दिरों के चारों ओर परिक्रमा करने को शुभ मानते हैं और इसे त्रिलोक परिक्रमा का नाम देते हैं। लोककथा के अनुसार भगवान राम अपने पूर्वजों के लिये पूजा या श्राद्ध करने के बाद देवी विन्ध्यवासिनी के मन्दिर में प्रार्थना के लिये गये थे। भगवान राम के उदाहरण के अनुरूप उनके भाई लक्षमण ने भी लक्षमणेश्वर महादेव मन्दिर की स्थापना की जो कि निकट ही स्थित है।