हजार खम्भों वाला मन्दिर एक ऐतिहासिक हिन्दू मन्दिर है जहाँ इष्टदेवताओं के रूप में भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान सूर्य विराजमान हैं। ककातिया राजा रूद्र देव ने इस मन्दिर को 1163 ई0 में बनवाया था और इस धार्मिक संरचना के ऐसा नाम शानदार नक्काशी वाले हजार खम्भों के कारम पड़ा है।
प्रभावशाली प्रवेशद्वार, हजार सुन्दर खम्भे और छतों के शिलालेख इस मन्दिर को वारंगल का एक और लोकप्रिय आकर्षण बनाते हैं। पृष्ठभूमि में हनुमाकोण्डा पहाड़ियों की उपस्थिति मन्दिर की सुन्दरता को और भी बढ़ा देती है। प्रवेशद्वार पर स्थित नन्दी बैल की विशाल प्रतिमा को एक समूचे काले पत्थर से तराश कर बनाया गया है।
हजार खम्भों वाले मन्दिर को ककातिया वास्तुकला शैली का चरम माना जाता है और दक्षिण भारत के प्राचीनतम मन्दिरों में शामिल किया जाता है।