नोकरेक बायोस्फीयर रिज़र्व अथवा नोकरेक राष्ट्रीय पार्क अनेक गतिविधियों जैसे कैंपिंग, बर्ड वाचिंग और विभिन्न जानवरों को उनके प्राकृतिक निवास में देखने के लिए बेहद लोकप्रिय है। नोकरेक गारो हिल्स की सबसे ऊँची चोटी है तथा पौधों ओर पशुओं का विभिन्न प्रजातियाँ यहाँ पाई...
बाज़ार, पश्चिमी गारो हिल्स में बेहद लोकप्रिय हैं और स्थानीय जीवन और उर्जा महसूस करने के लिए विभिन्न गाँवों में स्थित स्थानीय बाज़ारों में ज़रूर जाना चाहिए। ये बाज़ार सप्ताह के विभिन्न दिनों में खुलते हैं। यहाँ आप हैण्डलूम का सामान, स्थानीय कलाकृतियाँ, हस्तशिल्प,...
कीमा सोंगा एक पारंपरिक गारो कुलदेवता या स्मारक है जो परिवार के किसी मृत सदस्य की याद तथा सम्मान में बनाया जाता है। यह अधिकतर अंतिम संस्कार समारोह के बाद बनाया जाता है। कीमा सोंगा आमतौर पर घर के आंगन में रखा जाता है। ये पोस्ट मृत व्यक्ति को चित्रित करने के लिए...
मांडे बुरुंग को स्थानीय भाषा में इसी नाम से जाना जाता है। मांडे बुरुंग अथवा ’जंगली आदमी’ मेघालय के जंगलों में रहने वाला एक बंदर की तरह दिखने वाला एक प्राणी है। यह सच है अथवा नहीं, यह सत्यापित किया जाना अभी बाकी है। 15 नवंबर, 1995 को पहली बार दिखाई देने...
अरबेला पीक समुद्रतल से 999 मी. ऊपर है। जिस श्रृंख्ला पर यह पीक स्थित है उसका भी यही नाम है; अरबेला श्रृंख्ला। यह पीक असानांग्रे गाँव में तुरा के उत्तर पूर्वी सीमा के एन-मार्ग, गुवाहाटी-तुरा मार्ग पर स्थित है। गारो हिल्स अपने अद्वितीय वनस्पतियों और जीव तथा समृद्ध...
असानांग्रे, एक सर्वोत्कृष्ट गारो गाँव है जो विलियमनगर-तुरा राजमार्ग के चैराहे पर स्थित है। यह गारो हिल्स के बड़े गाँवों में से एक है। असानांग्रे गाँव में रोंगराम समुदाय और ग्रामीण विकास खंड के मुख्यालय स्थित हैं। असानांग्रे गाँव गारो गाँव और उसके समाज का प्रतीक...
ससातग्रे गाँव मेघालय के पश्चिमी गारो हिल्स जि़ले में नोकरेक पीक के नीचे स्थित है। इस छोटे से सुंदर गाँव में बनेक घर हैं जो पारंपरिक गारो शैली में बने हुए हैं। ये घर मजबूत, हवादार और विशाल हैं। ससातग्रे की लोकप्रियता मुख्य रूप से हरसाल होने वाली संतरे अच्छी पैदावार...
तुरा पश्चिमी गारो हिल्स का जि़ला मुख्यालय और मेघालय का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर तुरा पीक के ठीक नीचे तुरा पहाडि़यों में स्थित है। इस शहर का नाम स्थानीय देवता दुरामा के नाम से निकला है, जिनके लिए माना जाता है कि वे पहाडि़यों में रहते हैं और इस इलाके के लोगों...
रंगपानी गाँव मेघालस के पश्चिमी गारो हिल्स जि़ले में एक सुंदर पारिस्थितिक स्थान है। महान मुगल सम्राट औरंगज़ेब की सेना के जनरल, मीर जुमला के पार्थिव अवशेष अभी भी यहाँ मौजूद है। पूर्वोत्तर में भ्रमण से लौटते समय मीर जुमला की मलेरिया से मौत हो गई थी। इस गाँव के...
गारो हिल्स में स्थित एक गाँव डारिबोकग्रे नोकरेक राष्ट्रीय पार्क से केवल 3 कि.मी. दूर है। प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में मशीनरी के आने से शारीरिक श्रम का उपयोग कम हो गया है, जिसके कारण अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए लोग दूसरे साधन जैसे ग्रामीण पर्यटन आदि का...
गारो हिल्स में ताड़ के पेड़ों से घिरा एक शांत तालाब, काटा बील मछली पकड़ने, एंगलिंग और पिकनिक के लिए बहुत अच्छी जगह है। यह सुंदर तालाब तुरा से 70 कि.मी. दूर नोगोरपोरा गाँव में स्थित है जो ठीक तुरा-गारोबाधा-अंपातिगिरी-महेंद्रगंज सड़क पर स्थित है।
किंवदंती के...
रोंगबैंग डेयर चिनाबत गाँव के पास एक छोटा सा सुंदर झरना है। यह तुरा-असानांग्रे-विलियमनगर राज्य राज्यमार्ग के दायीं ओर स्थित है तथा यहाँ आने वाले यात्रियों के लिए एक देखने लायक जगह है। मानसून के दौरान सफेद बर्फ से ढका यह झरना रुई के लंबे बिस्तर की तरह प्रतीत होता है...
भैतबारी पश्चिमी गारो हिल्स जि़ले में जिंगजीराम नदी के तट पर स्थित एक छोटा सा गाँव है। 1991 और 1992 में भैतबारी में हुए एक पुरातात्विक अन्वेषण के बाद इस गाँव को लोकप्रियता हासिल हुई थी। इस अन्वेषण से लोगों को कुछ बहुत रोचक जानकारियाँ प्राप्त हुई।
जिंगजीराम...
रोमबाग्रे तुरा से 35 कि.मी. की दूरी पर एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। इस गाँव के लोगों ने सिमसैंग नदी में एक सुंदर तालाब की देखरेख करते हैं जिसमें एकदम साफ पानी में मछलियों को तैरते हुए देखा जा सकता है।
इसके कारण यह जगह बहुत अधिक लोकप्रिय हो गई है क्योंकि...
मीर जुमला का मकबरा गारो हिल्स में मनकाचर में रंगपानी में स्थित है। यह मकबरा एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है और सदियों से स्थानीय मुस्लिम संगठनों के द्वारा इसकी देखभाल की जाती है। इस मकबरे में एक बहुत लंबी कब्र है जो इस बात की साक्षी है कि मीर जुमला एक बहुत विशाल...