गारो हिल्स में ताड़ के पेड़ों से घिरा एक शांत तालाब, काटा बील मछली पकड़ने, एंगलिंग और पिकनिक के लिए बहुत अच्छी जगह है। यह सुंदर तालाब तुरा से 70 कि.मी. दूर नोगोरपोरा गाँव में स्थित है जो ठीक तुरा-गारोबाधा-अंपातिगिरी-महेंद्रगंज सड़क पर स्थित है।
किंवदंती के अनुसार यह तालाब गारो के राजा लेंगता के आदेश पर खोदा और बनवाया गया था। पारंपरिक रूप से काटा बील शब्द का अर्थ बेहद साधारण है, ’काटा’-काटना और ’बील’-झील। पिकनिक के लिए लोग विशेषकर यहाँ उमस भरी गर्मियों के महीनों में आते हैं।
अवतल रूप से बने तालाब में हिलते हुए पानी में आसमान की झलक साफ दिखाई देती है जिसे देखकर ऐसा लगता है मानो आसमान धरती पर आ गया है। काटा बील खजूर के पेड़ों से घिरे हुए पुथ्वी के एक हेक्टेयर भाग में फैला हुआ है। इसकी देखभाल गारो बैपटिस्ट चर्च द्वारा की जाती है और मछली पकड़ने के अधिकारों की नीलामी के लिए भी जि़म्मेदार है जिससे होने वाली आय का उपयोग तालाब के रखरखाव के लिए किया जाता है।
काटा बील आने का सबसे अच्छा और सबसे व्यावहारिक तरीका शिलांग से टैक्सी लेना है अथवा गुवाहाटी या शिलांग से नियमित रूप से चलने वाली परिवहन की बसें हैं।