नागालैंड विश्वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है जिसे वर्ष 1994 में स्थापित किया गया है। कोहिमा दीमापुर, मेदजीफेमा और जुन्हेबोटो में इस विश्वविद्यालय के अपने परिसर हैं। इस विश्वविद्यालय का मुख्यालय नागालैंड के जुन्हेबोटो जिले के लुमामी गांव में स्थित है।
54 कॉलेज नागालैंड विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। हर साल लगभग 25000 छात्र इस विश्वविद्यालय में पंजीकृत किये जाते हैं। यह विश्वविद्यालय मानविकी और शिक्षा, सामाजिक विज्ञान, कृषि विज्ञान और ग्रामीण विकास, इंजीनियरिंग और प्रबंधन में पाठ्यक्रम की सुविधा प्रदान करता है।
हालाँकि’ जुन्हेबोटो एक दूर सिमटा हुआ गंतव्य क्षेत्र है, पर यहाँ पर विश्वविद्यालय की उपस्थिति ने इसे प्रमुख बना दिया है। यही कारण है कि आज जुन्हेबोटो एक सांस्कृतिक केंद्र बन चुका है जहाँ सभी नगा आदिवासी समुदाय आते हैं और परस्पर मिश्रित हो जाते हैं।
यह विश्वविद्यालय भर-पूर हरियाली के बीच स्थित है जो पर्यावरण को शुद्ध करती है औए इसे शिक्षा के लिए एकदम उचित बनाती है। इसकी अथाह वनस्पति, जीव और कृषि संपदा के साथ इसकी आदर्श भौगोलिक स्थिति के कारण, यहाँ कृषि विज्ञान और ग्रामीण विकास पर जोर दिया जाता है।