भारत के ह्रदय राज्य मध्य प्रदेश में स्थित भोपाल, एक ऐतिहासिक शहर है, जिसकी गिनती देश के सबसे आकर्षक और दिलचस्प स्थलों में होती है। मध्य प्रदेश के चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में शामिल भोपाल हर साल भारी संख्या में देश-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां की खास बोली, खान-पान और अनोखी जीवनशैली पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। भोपाल को सिटी ऑफ लेक भी कहा जाता है, क्योंकि यहां कई छोटी-बड़ी झीले मौजूद हैं।
इतिहास बताता है कि इस शहर की स्थापना परमार राजा भोज ने की थी। इस शहर में देखने और घूमने-फिरने योग्य कई खास स्थल मौजूद हैं, जहां की सैर आप शहर भ्रमण के दौरान कर सकते हैं। वैसे आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भोपाल से जुड़े उन रोचक तत्थों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिनके विषय में शायद आपको भी पता न हो।
ताज-उल-मस्जिद
PC- Abhishek727
पहला रोचक तथ्य जुड़ा है, भोपाल स्थित प्रसिद्ध ताज-उल-मस्जिद से, जिसके निर्माण की शुरुआत मुगल काल के दौरान नवाब शाह जहां बेगम ने की थी, और जिसका निर्माण उनकी बेटी सुल्तान जहां बेगम के समय तक जारी रहा, पर पर्याप्त धनराशि न होने के कारण मस्जिद बनाने का काम बीच में ही रोकना पड़ा। लेकिन 1971 में अलाम मोहम्मद इमरान खान नदवी अजहर और मौलाना सईद हाशमत अली साहब के कड़े प्रयासों से यह मस्जिद पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुई। इस मस्जिद को 'ताज-उल-मस्जिद' के नाम से जाना जाता है लेकिन इसका असली नाम 'ताज-उल मसाजिद' है, जिसका शाब्दिक अर्थ है, मस्जिदों का राजा। ये ऐशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में गिनी जाती है। दिल्ली में जामा मस्जिद के बाद यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद भी है।
शहर के संस्थापक
PC- Masterblaster3r
इस शहर को स्थापित और विकसित करने का श्रेय दो अलग-अलग सम्राटों को जाता है। भोपाल को 11वीं शताब्दी के दौरान राजा भोज ने बसाया था, इसलिए इसे भोजपाल के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन भोपाल की आधुनिक संरचना का खांका 1724 में दोस्त मोहम्मद ने तैयार किया था। उन्होने अपने शासनकाल के दौरान इस शहर को विकसित करने के लिए कई काम किए। दोस्त मोहम्मद औरंगजेब के समय मुगल सेना के खास गवर्नरों में से एक थे। जिन्होंने बाद में अपने लिए एक अलग क्षेत्र का निर्माण कर लिया था, और वो क्षेत्र वर्तमान का भोपाल है।
समान अधिकार
भोपाल उन खास रियासतों में गिनी जाती है, जहां शासन करने और बड़े फैसले लेना का अधिकार पुरुष के साथ-साथ समान रूप से महिलाओं को भी प्राप्त हुआ। एक के बाद एक यहां कई बेगमों से राज किया। सन् 1819 ईस्वी से लेकर 1926 ईस्वी तक यह शहर चार बेगमों द्वारा संभाला गया, जिसकी शुरुआत कुदसिया बेगम से हुई, जो भोपाल की पहली महिला शासक बनीं। उन्हें गौहर बेगम के नाम से भी जाना जाता है। बेगमों के राज में इस शहर ने काफी उन्नति की ।
ऊंचाई पर बसा स्थल
PC- Suyash Dwivedi
भोपाल देश के मध्य भाग में स्थित है, और जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 500 मीटर की है। यह शहर विंध्याचल पर्वत के पूर्व में स्थित है। यह शहर पहाड़ी क्षेत्र पर बसा है, लेकिन यहां का तापमान काफी गर्म रहता है। आप यहां श्यामला हिल्स, ईदगाह हिल्स, अरेला हिल्स और कटारा हिल्स को देख सकते हैं। यहां का भूभाग ऊंचा-नीचा है।
स्वतंत्रता से जुड़ा तथ्य
PC- VaibhavPardeshi
भोपाल, हैदराबाद की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाली रियासत थी। आजाद भारत में विलय होने से पहले यहां का अंतिम नवाब की इच्छा थी की भोपाल को एक स्वतंत्र रूप दिया जाए। भारत में शामिल होने के लिए देश की कई रियासतों ने इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन भोपाल एकमात्र ऐसी रियासत बनी जिसने सबसे अंतिम में भारत का हिस्सा बनने के लिए हस्ताक्षर किए।