हर एक शहर में एक क्लॉक टावर जरुर होता है, जो उस शहर के प्रमुख लैंडमार्क्स में से एक होता है। घड़ी का टॉवर एक लम्बी टॉवर संरचना है जिसमें एक बुर्ज घड़ी या फिर बाहरी दीवारों पर घड़ी स्थापित होती है। यह एक स्वतंत्र संरचना ना होकर किसी चर्च या किसी बड़े भवन का हिस्सा होती है।
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प्रारंभ में, अधिकांश घड़ी टावर एक चर्च या एक आधिकारिक इमारत का हिस्सा हुआ करते थे। बाद में, घड़ियों के साथ अलग-अलग टावरों का निर्माण किया गया। प्राचीन समय में यह घड़ी टावर शहर और कस्बे में समय को बताने के लिए अभिन्न भूमिका निभाते थे। आज ये पुराने घड़ी टावर शहरों के प्रमुख लैंडमार्क्स में तब्दील हो गये हैं।
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आधुनिकता और तकनीक की दुनिया में, एक घड़ी भले ही कोई बड़ा गैजेट ना हो, लेकिन आज भी ये सभी के लिए जरूरी है। एक समय था, जब लोग क्लॉक टावर के जरिये समय जान पाते थे,लेकिन अब जमाना थोड़ा सा तब्दील हो चुका है, अब लोगो को समय देखने के लिए क्लॉक टावर की जरूरत नहीं है।
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बदलते समय के बीच,प्राचीन काल के क्लॉक टावर का अस्तित्व खत्म सा होता जा रहा है, विरासत के तौर पर आज भी इसे संजो कर रखा जा रहा है।
पर्यटन के मामले में ये क्लॉक टावर एक अहम भूमिका निभाते हैं। आज ये क्लॉक टावर शहर और कस्बों के प्रमुख स्थलों में से एक हैं। इसी तरह,भारत में कई तरह के क्लॉक टावर स्थापित है, जिनका अपना महत्व है..तो आइये जानते हैं स्लाइड्स में
चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन क्लॉक टॉवर
यह क्लॉक टावर चेन्नई के प्रमुख स्थलों में से एक है। यह एक रेलवे टर्मिनस है, जोकि करीबन 142 वर्षों से भी अधिक पुराना है। चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन क्लॉक टॉवर गॉथिक स्टाइल ऑफ़ आर्किटेक्चर है जो वर्ष 1900 में पूरा हुआ।Pc:jamal haider
राजबाई टॉवर
दक्षिण मुंबई में स्थापित राजाबाई क्लॉक टावर लंदन के बिग बेन की प्रतिकृति है। यह मुंबई विश्वविद्यालय के फोर्ट कैम्पस के भीतर ब्रिटिशकाल के दौरान निर्मित किया गया था। आज, यह टावर मुंबई में प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक है।Pc:Steve Evans
जोधपुर क्लॉक टॉवर
इस क्लॉक टावर को घंटाघर के नाम से भी जाना जाता है। जोधपुर का यह घड़ी का टावर महाराजा सरदार सिंह द्वारा बनाया गया था। भारतीय वास्तुकला में निर्मित यह घंटाघर यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर काफी आकर्षित करता है।Pc:Nishant.chawla123
डफ़रिन क्लॉक टॉवर
मैसूर में देवाराज बाजार के पास स्थित यह घड़ी टावर अन्य घड़ी टावरों के विपरीत, एक लंबी सरंचना नहीं है। इसका निर्माण ब्रिटिश वाइसराय इंडिया लॉर्ड डफ़रिन के सम्मान में किया गया था।Pc:Saraswatasri
सिकंदराबाद क्लॉक टॉवर
1897 में बनकर तैयार हुआ सिकंदराबाद क्लॉक टॉवर एक ऐतिहासिक टावर है, जिसकी लंबाई करीबन 120 फीट है। जिसमें चार घड़ियां हैं। कुछ सालों बाद इस क्लॉक टावर के पास एक युद्ध स्मारक और एक पार्क का निर्माण किया गया।Pc:Bhaskaranaidu
हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर
पुराने लखनऊ में हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर प्रसिद्ध रूमी दरवाजा के बगल में स्थित विरासत संरचनाओं में से एक है। इस घड़ी टावर का निर्माण वर्ष 1881 हुआ था।Pc:Asitjain