अगर आप प्राचीन द्रविड़ संस्कृति को करीब से देखना चाहते हैं, तो आपको दक्षिण भारत के चिदंबरम की सैर जरूर करनी चाहिए। चिदंबरम, तमिलनाडु के राजधानी शहर चेन्नई से 250 कि.मी दूर स्थित एक खूबसूरत पर्यटन और तीर्थ स्थल है, जहां रोजाना भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यह एक छोटा नगर है, जो मुख्यत: भगवान शिव को समर्पित नटराज मंदिर और मैंग्रोव के जंगलों के लिए जाना जाता है। इतिहास के पन्ने बताते हैं, कि यह नगर चोल साम्राज्य से काफी नजदीक से जुड़ा रहा है।
जब बात कल्चर टूरिज्म की हो तो इस नगर का नाम जोड़ना बेहद जरूरी हो जाता है। एक शानदार अवकाश के लिए चिदंबरम का प्लान बनाया जा सकता है, इस लेख में हमारे साथ जानिए अपने विभिन्न पर्यटन आकर्षणों के साथ यह प्राचीन नगर आपको किसी प्रकार आनंदित कर सकता है।
पिचावरम मैंग्रोव वन
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चिदंबरम भ्रमण की शुरुआत आप यहां के पिचवारम मैंग्रोव जंगल की से कर सकते हैं। यह दक्षिण भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। लगभग 1,100 हेक्टेयर में फैले इन जंगलों ने बंगाल की खाड़ी तक अपनी जगह बना रखी है। इसके रेतीले किनारे पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं। जल के बड़े क्षेत्रों पर अपना कब्जा किए हुए ये मैंग्रोव के जंगल कई द्वीपों में भी बंटे हुए हैं। एक रेतीला भाग पिचवारम मैंग्रोव जंगल को बंगाल की खाड़ी से अलग करता है।
इन सब के अलावा ये जंगल कई तरह की वनस्पतियों और जीव जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का काम करता है। यहां लगभग 177 प्रकार के पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है। इसके अलावा आप यहां कई जलीय जीवों को भी देख सकते हैं, जिसमें झींगा, केकड़ा, कछुआ आदि शामिल हैं।
चिदंबरम मंदिर
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एक रिफ्रेशिंग सैर के बाद आप यहां के सबसे मुख्य आकर्षण चिदंबरम नटराज मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, और देवो के देव महादेव को समर्पित है। माना जाता है कि यहां स्थापित भगवान शिव की प्रतिमा उस वक्त से यहां मौजूद है, जब यह नगर थिलाई नाम से जाना जाता था, इसलिए इस मंदिर को थिलाई नटराज मंदिर के नाम से भी संबोधित किया जाता है। मंदिर की वास्तुकला काफी आकर्षक है, जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। ये वास्तुकला, कला और अध्यात्म के मध्य संबंध को भली भांति प्रदर्शित करती हैं। मंदिर की दीवारें भरत मुनी के नाट्यशास्त्र को चित्रण करती हैं। वर्तमान मंदिर 10वीं शताब्दी संबंध रखता है, जब चिदंबरम चोल साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। मंदिर का कई बार मरम्मत की जा चुकी है। अपनी यात्रा को धार्मिकता से जोड़ने के लिए आप यहां आ सकते हैं।
थिलाई काली अम्मन मंदिर
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चिदंबरम नटराज मंदिर के दर्शन करने के अलावा आप यहां के एक अन्य प्रसिद्ध थिलाई काली अम्मन मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। यह मंदिर मां काली को समर्पित है। माना जाता है कि भगवान शिव से नृत्य प्रतियोगिता हारने के बाद देवी काली का इस स्थल पर आगमन हुआ था । यह मंदिर चिदंबरम नटराज के ऊतरी भाग में स्थित है। मंदिर में कुछ शिलालेख भी मौजूद हैं, जिसमें प्राचीन समय की कुछ जानकारियां अंकित हैं। यहां पूरे रीति रिवाजों के साथ पूजा की जाती है। हर शुक्रवार औऱ रविवार को यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। मां काली के अलावा यहां मां दुर्गा, भगवान मुर्गन की भी मूर्तियां स्थापित हैं।
पिचावरम बैकवाटर
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चिदंबरम के पर्यटन आकर्षणों में आप पिचावरम बैकवाटर की रोमांचक सैर का प्लान बना सकते हैं। प्रकृति प्रेमी और रोमांचक के शौकीनों के लिए यह स्थान काफी ज्यादा मायने रखता है। यहां पर्यटकों के लिए बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिसके सहारे आप मैंग्रोव के जंगल का भ्रमण कर सकते हैं। बोट से सहारे इन जंगलों को करीब से देखना अपने आप में ही एक रोमाचंक एहसास है। यहां 177 प्रकार की पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं।
तिरुवेटकलम मंदिर
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के एक अन्य खूबसूरत तिरुवेटकलम मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां पसुपथेस्वरार के नाम से संबोधित किया जाता है। यह मंदिर जिले के अन्नामलाई विश्वविद्यालय के अंदर स्थित है। मंदिर परिसर लगभग 2 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें कई मंदिर मौजूद हैं। इन सब मंदिरों में पसुपथेस्वरार का मंदिर का प्रसिद्ध है। मंदिर का वास्तुकला देखने लायक है, जो यहां आने वाले आगंतुकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। आध्यात्मिक अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।