उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित बिनसर, एक खूबसूरत पहाड़ी पर्यटन स्थल है, जिसके वन्य जीवन को देखते हुए, अब इसे एक जीव अभयारण्य में तब्दील कर दिया गया है। झांडी ढार नामक पहाड़ी पर स्थित यह पर्वतीय स्थल, अपने रोमांचक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां से हिमालय की बर्फीली चोटियों को आसानी से देखा जा सकता है। हमारे साथ जानिए उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थल 'बिनसर' के बारे में, जहां आप कम बजट में प्राकृतिक खूबसूरती का जी भरकर आनंद उठा सकते हैं।
इसलिए बिनसर है खास
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बिनसर अल्मोडा से करीब 33 किमी की दूरी पर बसा है। यह क्षेत्र कभी (चंद) मध्यकालीन रघुवंशी राजपूतों की राजधानी हुआ करता था, जिन्होंने अंग्रेजों के आगमन तक कुमाऊं में शासन किया। 'बिनसर' एक गढ़वाली शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नव प्रभात'। देवदार के जंगलों से घिरा यह पूरा क्षेत्र अब एक वन्य अभयारण्य बन चुका है। यहां स्थित 'ज़ीरो पॉइन्ट' से हिमालय की चोटियां जैसे केदारनाथ, चौखंबा, नंदा देवी, पंचोली, त्रिशूल, आदि चोटियों को देखा जा सकता है।
एक आदर्श विकल्प
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भागदौड़ भरी व्यस्त लाइफ के बीच अगर आप थोड़ा ब्रेक लेना चाहते हैं, तो बिनसर आपके लिए एक आदर्श विकल्प है। यहां आप परिवार व दोस्तों के साथ हैप्पी टाइम स्पेंड कर सकते हैं। आप यहां का प्लान बहुत ही कम बजट में बना सकते हैं। दिल्ली से बिनसर की दूरी लगभग 373 किमी है। आप यहां बस या निजी वाहन की मदद से पहुंच सकते हैं। यहां का मौसम साल भर खुशनुमा बना रहता है, इसलिए आप यहां किसी भी महीने आ सकते हैं।
वन्य जीव अभयारण्य
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बिनसर वन्य जीव अभयारण्य, लगभग 49.59 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। बिनसर, विभिन्न पहाड़ी वनस्पतियों के साथ जीव-जन्तुओं की कई प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करता है। यहां वन्य जीवों में तेंदुआ, गोरा, जंगली बिल्ली, भालू, लोमड़ी, बार्किंग हिरण, कस्तूरी हिरण आदी पाएं जाते हैं। साथ ही यहां पक्षियों की 200 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। जिनमें उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल प्रसिद्ध है, जो अब कम ही देखने को मिलता है। इसके अलावा आप तोता, ईगल्स, कठफोड़वा आदि पक्षियों को भी यहां देख सकते हैं।
और कहां घूमें - बिनसर महादेव
देवदार के घने जंगलों से घिरा यहां एक महादेव का मंदिर भी है, जिसे 'बिनसर महादेव' के नाम से जाना जाता है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित यह मंदिर हिंदुओं के पवित्र स्थानों में से एक है। यहां साल के जून महीने में महायज्ञ का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए हजारों श्रद्धालु यहां तक का सफर तय करते हैं। यह मंदिर रानीखेत से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। जबकि अल्मोड़ा से बिनसर महादेव पहुंचने के लिए आपको करीब 65 किमी का सफर तय करना होगा।
गोलू देवता मंदिर
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अल्मोड़ा के चितई नामक स्थान पर 'गोलू देवता का मंदिर' है, जिन्हें कुमायूं के एक इतिहास देवता के रूप में पूजा जाता है। गोलू देवता चम्पावत के चंद राजा के पुत्र थे, जिन्हें न्याय का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता है, कि यहां अर्जी लगाने से तुरंत न्याय मिलता है। यहां भक्त अपनी परेशानी को कागज पर लिखकर गोलू देवता के मंदिर में रख देत हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त भेंट स्वरूप मंदिर में घंटी या अन्य वस्तु लगाते हैं। उत्तराखंड में ही गोलू देवता के और भी कई मंदिर स्थित हैं।
रानीखेत हिल स्टेशन
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बिनसर भ्रमण के बाद अगर आप चाहें, तो नजदीक स्थित 'रानीखेत' की मनमोहक आबोहवा का आनंद उठा सकते हैं। रानीखेत अल्मोड़ा स्थित एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह पूरा पहाड़ी क्षेत्र देवदार व बलूत के पेड़ों से घिरा हुआ है। यहां से भी आप हिमालय की कई चोटियों को आसानी से देख सकते हैं। यह पूरा पर्वतीय इलाका प्राकृतिक शांति से भरा हुआ है। यहां आकर आप भरपूर मानसिक व आत्मिक शांति का अनुभव करे पाएंगे। रानीखेत 'गोल्फ' खेलने के लिए एक अच्छा स्थान माना जाता है।
कैसे आएं बिनसर
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आप बिनसर तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं, यहां का नजदीकी हवाई अड्डा 'पंतनगर' है, जो लगभग 152 किमी की दूरी पर स्थित है। रेल मार्ग के लिए आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। जो भारत के कई अहम शहरों से जुड़ा हुआ है। आप चाहें तो बिनसर सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं। बिनसर उत्तराखंड के कई प्रसिद्ध पर्यटनों से जुड़ा हुआ है।