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गौतम बुद्ध से जुड़े इस स्थल का इतिहास नहीं जानते होंगे आप

get to know all about holy place kushinagar of Buddha in Uttar Pradesh. know about its history. गौतम बुद्ध से जुड़ा ऐतिहासिक स्थल कुशीनगर, जानिए क्यों यह बुद्ध के बेहद करीब था? इस लेख के माध्यम से जान

हिमालय की तराई में स्थित कुशीनगर, शांत वातावरण से घिरा एक खूबसूरत ऐतिहासिक स्थल है। जो पूर्ण रूप से भारत में विचार क्रांति के जनक, भगवान बुद्ध को समर्पित है। यहां आसपास गौतम बुद्ध से जुड़े कई साक्ष्य मौजूद हैं, जो अब विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व आध्यात्मिक केंद्र बन चुके हैं, जिन्हें देखने के लिए पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है।

कुशीनगर मुख्यत: बौद्ध तीर्थ के रूप में जाना जाता हैं, इसलिए यह स्थल, बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले साधकों का मुख्य केंद्र है। देखने में यह एक छोटा सा कस्बा लगता है, पर यहां अपार आंतरिक शांति का अनुभव होता है। यहां की हवाओं में निहित शीतलता, मानसिक शांति की कुंजी प्रतीत होती है। आइए जानते हैं, धार्मिक पर्यटन के लिहाज से कुशीनगर आपके लिए कितना महत्व रखता है।

एक गौरवशाली इतिहास

एक गौरवशाली इतिहास

PC- 2678mayank

उत्तर प्रदेश स्थित इस खूबसूरत स्थल का इतिहास काफी प्राचीन व गौरवशाली माना जाता है। जिसकी खोज एक ब्रिटिश पुरातत्त्ववेत्ता 'कनिंघम' ने की थी । जब इस ऐतिहासिक स्थल की खुदाई की गई, तो यहां भगवान बुद्ध की एक विशाल लेटी हुई मूर्ति मिली। इसके अलावा यहां माथा कुंवर मंदिर और रामाभार स्तूप भी मिले। पौराणिक ग्रंथों की मानें, तो यह स्थान त्रेता युग से संबंध रखता है, जिसे भगवान राम के पुत्र 'कुश' की राजधानी कहा गया। 'कुश' से संबंध रखने पर, इस स्थल का नाम 'कुशावती' पड़ा।

महाजनपदों में से एक

महाजनपदों में से एक

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भगवान बुद्ध के काल में यह स्थान महाजनपदों में से एक था। तब कुशीनगर पर मल्ल राजाओं का शासन था। छठी शताब्दी के शुरुआती दौर में यहां भगवान बुद्ध का आगमन हुआ, बताया जाता है, यहीं उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया, जिसके बाद भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण को प्राप्त किया। कुशीनगर में बौद्ध धर्म के साथ-साथ जैन धर्म का भी महत्व बढ़ा। यहीं पर जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर 'महवीर' ने अपना अंतिम समय बिताया था।

पर्यटन की दृष्टि से

पर्यटन की दृष्टि से

PC- Mahendra3006

पर्यटन की दृष्टि से कुशीनगर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है। यहां आप भगवान बुद्ध से जुड़ी अधिकांश चीजों को देख व बारीकी से समझ पाएंगे। यहां छोटे बड़े कई बौद्ध मठ व मंदिर मौजूद हैं, जो पर्यटकों के मध्य काफी लोकप्रिय मानें जाते हैं। यह पूरा क्षेत्र अपार आध्यात्मिक शांति से भरा हुआ है। यहां बिताया एक भी पल भरपूर मानसिक व आत्मिक शांति प्रदान करता है।

गौतम बुद्ध का प्रिय स्थान

गौतम बुद्ध का प्रिय स्थान

PC- Mahendra3006

भगवान बुद्ध ने कुशीनगर में अपना बचपन बिताया था, इसलिए यह स्थल उन्हें बहुत प्रिय था। इस बात में कोई शक नहीं, कि कुशीनगर एक समृद्ध नगर था, जिसकी प्रशंसा स्वयं भगवान बुद्ध ने की है। बुद्ध की शिक्षा का यहां बहुत प्रभाव पड़ा, जब बुद्ध अंतिम बार यहां आए तो उस समय के मल्ल राजा ने उनके स्वागत-सत्कार में कोई कमी न छोड़ी। कहा जाता है, बुद्ध के स्वागत में सम्मिलित न होने वालों पर 500 मुद्रा का दंड घोषित किया गया था।

प्रमुख दार्शनिक स्थल

प्रमुख दार्शनिक स्थल

PC- myself

यहां घूमने के लिहाज से कई प्रमुख दार्शनिक स्थल मौजूद हैं, जहां आप भरपूर शांति का अनुभव करेंगे। आप यहां निर्वाण स्तूपदेख सकते हैं, ईंट और रोड़ी से बने इस स्तूप की ऊंचाई 2.74 मीटर है। आप चाहें तो यहां स्थित महानिर्वाण मंदिर देख सकते हैं, जहां बुद्ध की 6.10 मीटर लंबी मूर्ति स्थापित है। आप निर्वाण स्तूप से 400 गज की दूरी पर स्थित, माथाकौर मंदिर भी देख सकते हैं, जहां से महात्मा बुद्ध की भूमि स्पर्श मुद्रा वाली एक प्रतिमा खुदाई के दौरान मिली। इसके अलावा आप रामाभार स्तूप, बौद्ध संग्रहालय, व लोकरंग की सैर का आध्यात्मिक आनंद ले सकते हैं।

कैसे पहुंचे

कैसे पहुंचे

PC- srlasky

आप तीनों मार्गों से कुशीनगर पहुंच सकते हैं, हवाई मार्ग के लिए आपको गोरखपुर हवाई अड्डे का सहारा लेना पड़ेगा, रेल मार्ग लिए आप नजदीक स्थित रामकोला रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। यह शहर सड़क मार्गों से कई महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है, अगर आप चाहें तो नेशनल हाईवे का सहारा लेकर यहां तक पहुंच सकते हैं। थकान मुक्त यात्रा के लिए अच्छा होगा आप हवाई या रेल यात्रा करें।

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