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हज़ार दरवाज़ों वाला महल,हज़ारद्वारी महल!

हज़ार दरवाज़ों वाले महल में प्रवेश कर पश्चिम बंगाल के इतिहास को और करीब से जानिए!

किसी महल की राजसी यात्रा हमें उस समय के काल में सीधे ले जाती है जब शाही खानदानों का बोलबाला था। भारत में तो कई ऐसे महल आज भी मौजूद हैं और सब अपने-अपने में एक खास तरह की पहचान लिए हुए समय की कसौटी पे खरे भी उतरे हैं। इन्हीं सबके बीच शाही ठाठ-बाट के साथ आज भी अपनी ऐतिहासिक चमक को लिए हुए पश्चिम बंगाल में स्थापित हज़ारद्वारी महल खड़ा है जिसे देख पर्यटकों की जिज्ञासा और बढ़ जाती है।

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जैसा कि आपको नाम से ही पता चल रहा होगा कि हज़ारद्वारी ऐसा महल है जिसमें हज़ार दरवाज़े हैं। इस महल का निर्माण 19वीं शताब्दी में नवाब निज़ाम हुमायूँ जहाँ के शासनकाल में हुआ जिन्होंने बंगाल, बिहार और ओड़िशा तीनों ही राज्यों में राज किया। पुराने ज़माने में इसे बड़ा कोठी के नाम से जाना जाता था। यह महल पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में स्थित है जो बंगाल की भूतपूर्व राजधानी हुआ करती थी। इस कृति को प्रसिद्ध वास्‍तुकार मैकलिओड डंकन द्वारा ग्रीक (डोरिक) शैली का अनुसरण करते हुए बनवाया गया था।

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आइये आज हम इसी खूबसूरत इतिहास की सैर पर चलते हैं उसकी कुछ खूबसूरत तस्वीरों के साथ।

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महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

भागीरथी नदी के किनारे बसे इस तीन मंज़िले महल में 114 कमरे और 100 वास्तविक दरवाज़े हैं और बाकि 900 दरवाज़े आभासी(हूबहू मगर पत्थर के बने हुए हैं)। इन दरवाज़ों की वजह से इसे हज़ारद्वारी महल कहा जाता है।

Image Courtesy:Czarhind

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

आप ज़रूर ही यह सोच रहे होंगे कि, आखिर इन आभासी दरवाज़ों का रहस्य क्या है। तो हम आपको बता देते हैं कि ये दरवाज़े इस तरह इस लिए बनवाये गए हैं जिससे कि महल की शिकारियों और दुश्मनों से रक्षा की जा सके।

Image Courtesy:Banibrata Mandal

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

इन दरवाज़ों को बनाने का विचार ऐसा इसलिए था जिससे कि महल में हमला करने वाले हमलावरों को भ्रमित किया जा सके और उनका महल से बच कर भाग जाने से पहले ही उन्हें रक्षाकर्मियों द्वारा पकड़ा जा सके।

Image Courtesy:Bappaditya Nath

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

लगभग 41 एकड़ की ज़मीन पर फैले हुए इस महल में नवाब अपने दरबार लगाते थे। अंग्रेज़ों के शासनकाल में यहाँ प्रशासनिक कार्य भी किये जाते थे। इस महल का इस्तेमाल कभी भी आवासीय स्थल के रूप में नहीं किया गया।

Image Courtesy:Manasthemarvel

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल के दीवार को निज़ामत किला या किला निज़ामत कहा जाता है।

Image Courtesy:Banibrata Mandal

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल के अलावा परिसर में निज़ामत इमामबाड़ा, वासिफ मंज़िल, घड़ी घर, मदीना मस्जिद और बच्चावाली तोप भी स्थापित हैं।

Image Courtesy:Manasthemarvel

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

12-14 शताब्दी में बनी इस 16 फीट की तोप में लगभग 18किलो बारूद इस्तेमाल किया जा सकता था। कहते हैं कि इसे सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल किया गया है और उस समय धमाका इतना बड़ा और तीव्र हुआ था कि कई गर्भवती महिलाओं ने समय से पूर्व ही बच्चे जन्म दिए थे, इसलिए इसे बच्चावाली तोप कहते हैं।

Image Courtesy:Ansuman Bhattacharya

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

भागीरथी नदी के तट से लगभग 40 फ़ीट के दूरी पर बने इस महल की नींव बहुत गहरी रखी गई थी, इसलिए आज भी यह रचना इतनी मज़बूती से खड़ी है।

Image Courtesy:PP Yoonus

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की क्या चीज़ें उसे खास बनाती है?

महल की ओर जाती भव्य सीढ़ियाँ और भारतीय-यूरोपियन शैली इस संरचना के अन्य मुख्य आकर्षण हैं।

Image Courtesy:Jagadhatri

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सबसे बड़ा स्थल संग्रहालय है, इसलिए इसे हज़ारद्वारी महल संग्रहालय महल भी कहा जाता है।

Image Courtesy:Ansuman Bhattacharya

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

सन् 1985 में इस महल के बेहतर परिक्षण के लिए इसे भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण को सौंप दिया गया।

Image Courtesy:Shaunak Roy

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

यह संग्रहालय भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण का सबसे बड़ा स्‍थल संग्रहालय माना जाता है और इसमें बीस दीर्घाएं प्रदर्शित हैं जिनमें 4742 पुरावस्‍तुएं मौजूद हैं और जिनमें से जनता के लिए 1034 पुरावस्‍तुएं प्रदर्शित की गई हैं।

Image Courtesy:Shaunak Roy

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

पुरावस्‍तुओ के संग्रह में विभिन्‍न प्रकार के हथियार, डच, फ्रांसिसी और इतालवी कलाकारों द्वारा बनाए गए तैल चित्र, संगमरमर की मूर्तियॉं, धातु की वस्‍तुएं, चीनी मिट्टी और गचकारी की मूर्तियॉं, फरमान, विरल पुस्‍तकें, पुराने मानचित्र, पाण्‍डुलिपियाँ, भू-राजस्‍व के रिकॉर्ड, पालकी आदि शामिल हैं जिनमें से अधिकतर 18वीं और 19वीं शताब्‍दियों से सम्‍बंधित हैं।

Image Courtesy:Kiitsani

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

इस संग्राहलय में पर्यटक 2700 से अधिक हथियारों को देख सकते हैं। इन हथियारों में नवाब अलीवर्दी खान, सिराजुद्दौला और उनके दादाजी की तलवारें प्रमुख हैं।

Image Courtesy:Abhishek Kumar Jha

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

यहां घूमने के बाद पर्यटक विन्टेज कारों का अद्भुत संग्रह भी देख सकते हैं। इन कारों का प्रयोग शाही घराने के सदस्य किया करते थे।

Image Courtesy:Shaunak Roy

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

संग्राहलय और पैलेस देखने के बाद पर्यटक यहां पर बने पुस्तकालय में भी घूमने जा सकते हैं। पुस्तकालय में घूमने के लिए पर्यटकों को पहले विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। अकबरनामा की मूल प्रति भी यहीं रखी हुई है।

Image Courtesy:Abhishek karmakar

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय के पुरावशेष में शाही परिवार के कई सामान मौजूद हैं, जिनमें दरबार हॉल में लगा हुआ खूबसूरत झूमर भी शामिल है। यह झूमर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा झूमर है, पहला बकिंघम महल में है। यह झूमर नवाब को रानी विक्टोरिया द्वारा तोहफ़े के रूप में भेंट किया गया था।

Image Courtesy:Payal Das

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

संग्रहालय की गैलरियों में शस्त्रागार विंग, राजसी प्रदर्शनी, लैंडस्केप गैलरी, ब्रिटिश पोर्ट्रेट गैलरी, नवाब नाज़िम गैलरी, दरबार हॉल, समिति कक्ष, बिलबोर्ड कक्ष, पश्चिमी ड्राइंग कक्ष और धार्मिक वस्तुओं वाली गैलरी शामिल हैं।

Image Courtesy:Manasthemarvel

महल संग्रहालय

महल संग्रहालय

इस महल के दर्शन करने के लिए कुछ प्रवेश शुल्क भी निर्धारित है। शुक्रवार के दिन यह महल पर्यटकों के लिए बंद रहता है।

Image Courtesy:Sarfarazit08

यहाँ आने का सही समय

यहाँ आने का सही समय

महल के भ्रमण के लिए सबसे अच्छा समय है सितम्बर से मार्च तक का महीना।

Image Courtesy:Kiitsani

यहाँ पहुँचें कैसे?

यहाँ पहुँचें कैसे?

मुर्शीदाबाद, पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजधानी कोलकाता से लगभग 230 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

Image Courtesy:Kiitsani

यहाँ पहुँचें कैसे?

यहाँ पहुँचें कैसे?

सड़क यात्रा द्वारा: कोलकाता से मुर्शिदाबाद के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है।

Image Courtesy:Debashis Mitra

यहाँ पहुँचें कैसे?

यहाँ पहुँचें कैसे?

रेल यात्रा द्वारा: कोलकाता से मुर्शिदाबाद के लिए कोलकाता के रेलवे स्टेशन से कई ट्रेनें चलती हैं।

Image Courtesy:Banibrata Mandal

यहाँ पहुँचें कैसे?

यहाँ पहुँचें कैसे?

हवाई यात्रा द्वारा: कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यहाँ का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है।

Image Courtesy:Manasthemarvel

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