मध्यप्रदेश अपनी अनमोल प्राकृतिक संपदाओं के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटन के लिहाज से कुदरत ने अपना खजाना दिल खोल कर लुटाया है। इसलिए यहां के पर्यटन स्थल सैलानियों को काफी लुभाते हैं। कई किमी के क्षेत्र में फैले अभयारण्य, वन्य जीवन को करीब से देखने का सबसे अच्छा विकल्प माने जाते हैं।
यह राज्य ऐतिहासिक व सांस्कृतिक दृष्टि से काफी ज्यादा मायने रखता है। 'नेटिव प्लानेट' की ट्रैवल सफारी में आज हम आपको मध्य प्रदेश एक ऐसे पर्वतीय स्थल की सैर कराने जा रहे हैं, जिसे यहां की पहाड़ी श्रृंखला सतपुड़ा की रानी कहा जाता है।
सतपुड़ा की रानी
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मध्यप्रदेश के होशंगाबाद स्थित पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी कहा जाता है। घने जंगलों के बीच बसा यह हिल स्टेशन सैलानियों के मध्य काफी लोकप्रिय है। ब्रिटिश काल के दौरान इस स्थल का प्रयोग सैन्य छावनी के रूप में किया जाता था। पचमढ़ी समुद्र तल से 1067 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जहां से जंगल का नजारा काफी रोमांचक अनुभव देता है।
जो बनाते हैं पचमढ़ी को खास
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पचमढ़ी अपने घने जंगल, शोर मचाते जलप्रपात व तालाबों के लिए जाना जाता है। यह पहाड़ी भाग सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है, इसलिए यह कई जंगली जानवरों का निवास स्थान भी है। यहां शेर, सांभर, चीतल, चिंकारा, भालू, जंगली भैंसा व तेंदुआ आदि आसानी से को देखा जा सकता है। यहां कईं प्राचीन गुफाएं भी हैं, जिनका निरीक्षण भारतीय पुरातात्विक विभाग कर चुका है। इन गुफाओं में शैलचित्र पाए गए हैं।
पचमढ़ी की खोज
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सतपुड़ा पर स्थित पचमढ़ी पठार की खोज का श्रेय जे.फॉरसोथ नाम के एक ब्रिटिश केप्टन को जाता है। जिन्होंने इसकी खोज 1857 में की थी, जिस वक्त भारत में अंग्रेजों का शासन था। ऊंचाई पर स्थित होने के कारण अंग्रेजों ने इस स्थल को एक सैन्य छावनी में तब्दील कर दिया था। केप्टन जे.फॉरसोथ ने यहां एक फॉरेस्ट लॉज भी बनवाया था। वो इस जगह से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने 'द हाइलेंडस ऑफ सेंट्रल इंडिया' के नाम की एक पुस्तक भी लिख डाली। जिसमें उन्होंने सतपुड़ा की पहाड़ी का खूबसूरत तरीके से चित्रण किया है।
ठंडा सुहावना मौसम
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पचमढ़ी अपने ठंडे सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है। सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान 4 से 5 डिग्री तक चला जाता है। और गर्मियों के मौसम में भी यहां ठंडक बरकरार रहती है। इसलिए सैलानी यहां गर्मियों में भी आना पसंद करते हैं। सतपुड़ा अपने खुशनुमा मौसम के लिए एक प्रसिद्ध स्थान बन चुका है। यहां सदाबहार वृक्षों की भरमार है। आप यहां चीड़, देवदार, सफेद ओक, गुलमोहर, जेकेरेंडा आदि कई कई पेड़ों की प्रजातियों को देख सकते हैं।
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
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यह मध्यप्रदेश के होशंगाबाद स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है, जो लगभग 524 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह पूरा वन्य इलाका जंगली जीवों के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। यहां आप बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, भालू, काला हिरण, लोमड़ी, अजगर, साही, व मूषक मृग आसानी से देख सकते हैं। इसके साथ ही यहां पक्षियों की अनेक प्रजातियां भी पाई जाती हैं। जिनमें मोर व धनेश प्रमुख हैं।
प्रियदर्शिनी प्वाइंट और रजत प्रपात
PC- Twinkle Bhaisare
आप इस हिल स्टेशन पर प्रियदर्शनी प्वाइंट की सैर का आनंद ले सकते हैं, जो अपने सूर्यास्त के मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। यहां से आप कई खूबसूरत नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं। आप चाहें तो यहां से रजत प्रपात के रोमांचक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। इस प्रपात का जल बिलकुल दूधिया नजर आता है। इसके अलावा आप यहां बी फॉल भी देख सकते हैं। जो एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है।
पांडव और जटाशंकर गुफा
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सतपुडा की पहाड़ी पर महाभारत काल की पांच गुफाएं स्थित हैं। इन्हें पांडव गुफा के नाम से जाना जाता है। इन गुफाओं में द्रोपदी व भीम कोठरी ज्यादा प्रसिद्ध हैं। आप चाहें तो इसके अलावा यहां स्थित जटाशंकर गुफा भी देख सकते हैं। जो पचमढ़ी से लगभग 1.5 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां एक मंदिर भी है, जहां शिवलिंग प्राकृतिक रुप से प्रकट हुए हैं। यहां चट्टान पर स्थित भगवान हनुमान की एक मूर्ति भी है। इसके अलावा आप यहां सबसे गहरी खाई हांडी खोह, अप्सरा विहार भी देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे
PC - Kritika027
पंचमढ़ी आप तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाई अड्डा भोपाल और जबलपुर है। रेल मार्ग के लिए आप पिपरिया रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं, जो कई अहम शहरों से जुड़ा हुआ है। आप चाहें तो सड़क मार्ग से भी यहां तक का सफर तय कर सकते हैं। पचमढ़ी सड़क मार्गों द्वारा मध्य प्रदेश के कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।