कांगड़ा जिले में स्थित परागपुर हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत नगर है, जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और सांस्कृतिक आकर्षणों के लिए जाना जाता है। यह पहाड़ी स्थल समुद्र तल से 610 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और दूर-दराज के सैलानियों को अपनी ओर काफी ज्यादा आकर्षित करता है। यहां का मौसम सालभर खुशनुमा रहता है, इसलिए यहां पर्यटक ज्यादा आना पसंद करते हैं।
परागपुर एक धार्मिक स्थल के रूप में भी भी जाना जाता है, इसलिए यहां श्रद्धालुओं का भी आगमन होता है। यह एक ऐसा स्थल हो जो हर तरह के यात्रियों का स्वागत करता है, यहां आप अपने परिवार, बच्चों, पार्टनर या फिर अकेले भी आ सकते हैं। इस खास लेख में जानिए परागपुर के चुनिंदा सबसे खास दर्शनीय स्थलों के बारे में जहां सैलानी ज्यादा जाना पसंद करते हैं।
कांगड़ा शहर का भ्रमण
PC- Abhijit Saggu
परागपुर के खास स्थलों की सैर से पहले आप कांगड़ा शहर का भ्रमण कर सकते हैं। यह एक प्राचीन स्थल है, जिसे बसाने का श्रेय कटोच क्षत्रिय राजपूतों को जाता है। कांगड़ा शहर मुख्यत: अपने प्राचीन मंदिरों और किलों के लिए जाना जाता है। यहां स्थित कांगड़ा फोर्ट पर्यटकों के मध्य काफी ज्यादा लोकप्रिय है।
हालांकि की यह किला वर्तमान में एक खंडहर के रूप में स्थित है, लेकिन आज भी आकर्षक वास्तुकला को देखा जा सकता है। इस किले के अलावा आप यहां बृजेश्वरी देवी मंदिर, बैजनाथ, चामुंडा देवी मंदिर, ज्वालामुखी मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।
कालेश्वर महादेव मंदिर
कांगड़ा शहर का भ्रमण करने के बाद आप मुख्य नगर परागपुर से 16 कि.मी दूर स्थित कालेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है,जो अपनी प्राचीन स्मारकों, पत्थर के काम और पौराणिक कथाओं के लिए जाना जाता है। पौराणिक किवंदतियों के अनुसार इस स्थल पर पांडवों का आगमन हुआ था।
यह मंदिर अपने शिवलिंग और अपने पवित्र सरोवर के लिए काफी प्रसिद्ध है। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार इस मंदिर का इतिहास 400 वर्ष पुराना माना जाता है। यहां बैसाखी के मौके पर आयोजित होने वाला मेला काफी प्रसिद्ध है।
ताल
परागपुर नगर अपने प्रसिद्ध ताल के लिए भी जाना जाता है, जिसका निर्माण 1868 में किया गया था। यह एक शानदार पर्यटन स्थल है जो युवाओं से लेकर वृद्ध हर उम्र के सैलानियों के लिए खास माना जाता है। इस ताल के पास कई ऐतिहासिक संरचनाएं मौजूद हैं, जिन्हें आप भ्रमण के दौरान देख सकते हैं।
यहां स्थित नेहर भवन 250 साल पुराना बताया जाता है। इसके अलावा आप यहां राधा कृष्ण मंदिर भी देख सकते हैं। यह ताल एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट भी है, जहां वीकेंड पर पर्यटकों को मौज मस्ती करते देखा जा सकता है।
महाराणा प्रताप सागर बांध
PC- Vikasjariyal
ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के अलावा आप यहां कुछ खास स्थलों को भी देख सकते हैं। ब्यास नदी पर बना महाराणा प्रताप सागर बांध यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जहां सैलानियों को समय बिताना बहुत ही पसंद है। यह बांध 450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जिले का मील के पत्थर कहा जाता है। इस डैम का नाम भारत के वीर योद्धा महाराणा प्रताप के नाम पर रखा गया है।
यह पूरा जलाशय 45,000 हेक्टेयर का क्षेत्र कवर करता है। इस बांध को पोंग बांध जलाशय के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जलाशय को वन्यजीव अभयारण्य (1983) में घोषित किया जा चुका है, जहां आप वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों को देखने का मौका प्राप्त कर सकते हैं।
ज्वालामुखी मंदिर
PC- Pdogra2011
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर शहर के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में गिना जाता है, जो परागपुर से लगभग 21 कि.मी की दूरी पर स्थित है। यह भारत की सबसे महत्वपूर्ण शक्ति पीठों में से एक है और देवी ज्वालमुखी को समर्पित है। देवी ज्वालामुखी सती के मुख्य अवतारों में से एक मानी जाती हैं।
मंदिर का मुख्य आकर्षण एक चमत्कारी नीली लौ है जो एक चट्टानी पवित्र स्थान से उत्पन्न होती है। इस मंदिर में भगवान की कोई मूर्तियां नहीं हैं और यहां देवी की पूजा उनके लौ रूप में की जाती है। माना जाता है कि यह लौ काफी लंबे समय से जलती आ रही है।