इलाहाबाद के नाम से ही पता चलता है कि इसका नाम कितनी गहरी सोच वाला है। 'इलाह' ईश्वर और 'बाद' आबाद। यानी इलाहबाद का नाम अरबी व फ़ारसी में रखा गया है जिसका अर्थ है 'ईश्वर द्वारा बसाया' गया, या 'ईश्वर का शहर'। जी हाँ दोस्तों इलाहाबाद को देखकर ऐसा लगता भी है। क्यूंकि इस शहर ने देश को अनमोल रत्न दिए जिनकी चमक से देश रौशन है।
इतना ही नहीं इलाहाबाद एक ऐसा शहर है जिसकी आम-ओ-हवा में पल-बढ़कर देश को मशहूर सितारे मिले जिनकी चमक कभी कम नहीं हो सकती। सूर्यकांत त्रिपाठी, महादेवी वर्मा,निराला और वर्तमान में बॉलीवुड के बादशाह अमिताभ बच्चन का जन्म भी इलाहाबाद में ही हुआ। इसी शहर में में इन सितारों ने अपनी साहित्यिक और अदाकारा को आयाम दिया था। तो चलिए क्यों न इस वेकेशन साहित्यिक अनुभव की सैर की जाये।
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संगम
इलाहबाद का संगम बेहद खूबसूरत है यहाँ आने वाले पर्यटक सबसे पहले संगम के दर्शन करने को उत्सुक रहते हैं। यहाँ नाव की सवारी आपकी सैर में चार चाँद लगा देगी। क्यूंकि यहाँ का मनोरम दृश्य आँखों में समां सा जाता है।
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खुसरो बाग
यह आलीशान ऐतिहासिक बाग़ बेहद खूबसूरत होने के साथ साथ दर्शनीय स्थल भी है। इस जहांगीर (अकबर के बेटे सलीम) के सबसे बड़े बेटे खुसरो ने बनवाया था। यहाँ खुसरो और खुसरो की बहन सुल्तानुन्निसा की कब्र हैं। इन कब्र को देखने पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रहती है क्यूंकि यह दोनों कब्रें काव्य और कला का बेजोड़ नमूना है।
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किला
इस किले को देखने के लिए सेना के अधिकारीयों से अनुमति लेनी पड़ती है क्यूंकि अब यह किला सेना के अधीन है। इस किले को औरंगज़ेब और अशोक ने बनवाया था।
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मिंटो पार्क
मिंटो पार्क को अब मदनमोहन के नाम से जाना जाता है। इस पार्क का पूरा नाम 'मदन मोहन मालवीय' है। कहा जाता है कि विक्टोरिया का घोषणा पत्र जिसमे ब्रिटिश काल की समाप्ति की सूचना थी उसे यहीं पढ़कर सुनाया गया था।
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सरस्वती घाट
सरस्वती घाट एक बेहद खूबसूरत पिकनिक मनाने का स्थल है यह पार्क मदन मोहन मालवीय पार्क के पास ही में है। यहाँ हर साल तैराकी प्रतियोगिताएँ और वॉटर स्पोर्ट्स होते हैं।
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आज़ाद पार्क
आज़ाद पार्क कभी विक्टोरिया पार्क के नाम से जाना जाता था। परन्तु अब इसे आज़ाद पार्क के नाम से जानते हैं। जहाँ चंद्रशेखर शहीद हुए थे वहां एक स्मारक बना हुआ है।
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म्यूज़ियम
इस संग्राहलय में पुरातन समय की दुर्लभ वस्तुएं रखीं हैं। यहाँ मिटटी व पत्थर की मूर्तियां बनाई जाती हैं जो की बिकती भी हैं। आप यहाँ से इन मूर्तियों को खरीद सकते हैं।
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आनंद भवन और स्वराज भवन
आनंद भवन कभी पंडित जवाहरलाल नेहरू का पुरातन निवास था वह यहीं रहते थे लेकिन आज के समय में यहाँ कांग्रेस का कार्यालय है। आज स्वराज भवन कांग्रेस के अधिकार में है। यहाँ पंडित जवाहरलाल की यादें संजोई हुई हैं।
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विश्वविधालय
इलाहबाद विश्वविधालय शिक्षा के साथ साथ अपनी अद्भुत नक्काशियों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। इस इमारत में सीनेट हॉल वास्तुकला का जीता जागता उदाहरण है।
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नेहरू गार्डन
नेहरू गार्डन बेहद खूबसूरत फूलों से लदा हुआ बगीचा है जिसकी खुशबू में आप एक पल को साड़ी थकान भूल जाओगे। यहाँ की हरियाली खूबआकर्षण सूरत रंगबिरंगे फूल इस गार्डन में चार चाँद लगा देते हैं जिसे देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक यहाँ आते हैं।
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कौशांबी
कौशांबी महाभारत्त युग का स्थान माना जाता है। जो कि इलाहाबाद से 48 किलोमीटर दूर है। आप इलाहबाद आकर यहाँ अवश्य आएं।
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इलाहाबाद कैसे जाएँ
वायुमार्ग
विदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट दिल्ली है। दिल्ली से इलाहाबाद के लिए कई दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं। इसमें कोलकाता राजधानी एक्सप्रेस, प्रयाग राज एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस प्रमुख है। इलाबाद एयरपोर्ट को बमरौली फील्ड भी कहा जाता है। मूल रूप से यह एक मीलिट्री बेस है और कानपुर होते हुए इलाहाबाद से दिल्ली के लिए हर दिन एयर इंडिया की एक व्यवसायिक उड़ान होती है। सबसे अच्छा तरीका यह है कि वाराणसी या लखनऊ के लिए फ्लाइट ली जाए और वहां से बस के जरिए इलाहाबाद पहुंचा जाए।
रेल मार्ग
इलाहाबाद दिल्ली, कोलकाता और मुंबई रेल मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है। शहर में दारागंग, प्रयाग, रामबाग और इलाहाबाद जंक्शन नाम से चार प्रमुख रेलवे स्टेशन है। एक और जंक्शन है प्रयाग घाट, जिसका इस्तेमाल धार्मिक त्योहार के समय श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने पर किया जाता है।
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इलाहाबाद कैसे जाएँ
इलाहबाद जाने के लिए फ्लाइट, ट्रेन, बस व टैक्सी की अधिक कजानकारी के लिए बस एक क्लिक करें-
सड़क मार्ग द्वारा
इलाहाबाद को नेशनल हाइवे 2 और 27 की सेवाएं मिलती हैं। आसपास के शहरों से इलाहाबाद के लिए कई बसें चलती हैं।
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इलाहाबाद कब जाएँ
दिसंबर-जनवरी, मई-जून के महीनों को छोड़कर बाकी के महीनों में कभी भी जाया जा सकता है। क्यूंकि इलाहाबाद में गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में सर्दी बहुत होती है। माघ मेला यहाँ का तीर्थ मेला है। मेले के दौरान इस शहर की रौनक देखने लायक होती है।
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