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इतिहास प्रेमियों के लिए रोमांचक है रहस्मयी कहानियों में उलझा ओरछा

By Khushnuma

ऐतिहासिक नगर ओरछा अपने भव्य मंदिरों, महलों और किलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। कभी ओरछा राजा बीरसिंह देव के काल में बुंदेलखण्ड की राजधानी हुआ करता था। ओरछा का शाब्दिक अर्थ है गुप्त स्थान। ओरछा में कदम रखते ही ऐसा महसूस होता है जैसे कि इतिहास के पन्नों में मन खो सा गया हो। जहाँ सैनिक अस्त्र-शस्त्र लेकर महल में चारों और सुरक्षा तैनात में खड़े हों। चारों ओर संगीत की मधुर धुन दरबारियों को मंत्र मुग्ध कर रही हों। रानियाँ परदे के पीछे से दरबार को देख रही हों और राजा दरबारियों के साथ अपनी बैठक में विराजमान हों।

आजकल न राजा रहे और न रंक अब केवल उनकी स्मृतियाँ ही रह गई हैं। ओरछा की विरासत यहाँ के हर कण कण में कैद है। आज ओरछा पर्यटकों के आकर्षण बना हुआ है। वास्तुकला के प्रतीक, बुंदेलखन्ड राज्य के महल, किले, पवित्र भव्य मंदिर तथा इस राज्य के संस्कृति से जुड़ी प्रतिमा, चित्रकला आदि से आप खुद को यहाँ जुड़ा हुआ सा महसूस करेंगे। तो चलिए सैर की जाये इतिहास के रहस्मयी कहानियों में लिपटी ओरछा की।
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जहांगीर महल

जहांगीर महल

जहांगीर महल मुगलों और जहांगीर की दोस्ती की निशानी है। इस महल में तीन मंज़िला इमारत है और इसके मुख्य द्वार पर झुके हुए हाथी बने हुए हैं। कहा जाता है इस महल को राजा बीरसिंह ने जहांगीर के स्वागत में बनवाया था। इस महल की नक्काशी देखने लायक है।
Image Courtesy:Dey.sandip

राज महल

राज महल

यह महल ओरछा का सबसे पुराने महलों में से एक है। इस महल में छतरियां और भित्तिचित्र देखने लायक है। इस महल में धर्म ग्रंथों से जुडी चीज़ें भी देखने योग्य हैं।
Image Courtesy:Yann

रामराजा मंदिर

रामराजा मंदिर

यह मंदिर ओरछा के सबसे कलात्मक और सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यहाँ भगवान राम को राजा की तरह पूजा जाता है। कहा जाता है कि एक रात राजा मधुकर को भगवान राम ने दर्शन दिए और इस मंदिर का निर्माण कराने को कहा। तब से यह मंदिर है।
Image Courtesy:Yann

राय प्रवीन महल

राय प्रवीन महल

राय प्रवीन महल इन्द्रमणि की खूबसूरत गायिका की याद में बनवाया गया था। इस महल में दो मंज़िला इमारत है और जो प्राकृतिक खूबसूरत बाग बगीचों से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि मुग़ल बादशाह अकबर को जब इन्द्रमणि की खूबसूरत गणिका की खूबसूरती के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें दिल्ली लाने का आदेश दिया। लेकिन इन्द्रमणि के प्रति प्रवीन के सच्चे प्रेम को देखकर अकबर ने उन्हें वापस ओरछा भेज दिया।
Image Courtesy:Jean-Pierre Dalbera

लक्ष्मीनारायण मंदिर

लक्ष्मीनारायण मंदिर

यह मंदिर ओरछा गांव के एक पहाड़ी पर बना हुआ है जिसे राजा बीरसिंह ने बनवाया था। इस मंदिर में बेहद खूबसूरत नक्काशी दार चित्र बने हुए हैं जिनके चटकीले रंग आपके जीवन में रंग भर से देंगे। इस मंदिर में झांसी की लड़ाई के दृश्य और भगवान कृष्ण की आकृतियां बनी हुई हैं।
Image Courtesy:Abhishekjoshi

चतुर्भुज मंदिर

चतुर्भुज मंदिर

चतुर्भुज मंदिर ओरछा के सभी आकर्षणों में से एक है। यह चतुर्भुज मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यहाँ आकर आप इस मंदिर की कलात्मक शैली को करीब से देख सकते हैं।
Image Courtesy:Yann

फूलबाग

फूलबाग

फूलबाग को बुन्देल के राजाओं ने बनवाया था। यह बाग ऊँची ऊँची दीवारों से चारों और से घिरा हुआ है। यहाँ का मनोरम दृश्य आपकी सारी थकान हर लेगा। यहाँ फूलबाग में एक भूमिगत महल और आठ स्तम्भों वाला मंडप है। इसके अलावा यहां के चंदन कटोर से गिरता पानी किसी झरने के समान लगता है।
Image Courtesy:cool_spark

सुन्दर महल

सुन्दर महल

सुन्दर महल एक प्रेम कथा का प्रतिक है कहा जाता है कि राजा जुझार सिंह के पुत्र धुरभजन को एक मुस्लिम लड़की से प्रेम था। उन्होंने उससे विवाह कर इस महल और शाही जीवन को हमेशा के लिए त्याग दिया था।
Image Courtesy:Anushka14

वायु मार्ग

वायु मार्ग

ओरछा के लिये निकटतम हवाईअड्डा झाँसी है जो 16 किमी की दूरी पर स्थित है। हवाईअड्डे से आप टैक्सी लेकर ओरछा पहुँच सकते हैं। हलाँकि हवाईअड्डे से बस लेना सबसे किफायती होता है। चूँकि हवाईअड्डे की दूरी बहुत कम है इसलिये आप झाँसी तक वायुयान से और फिर ओरछा आ सकते हैं।
Image Courtesy:Dennis Jarvis

रेल मार्ग

रेल मार्ग

ओरछा के लिये निकटतम रेलवे स्टेशन झाँसी है जो 16 किमी की दूरी पर स्थित है। चूँकि यह एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है इसलिये भारत के अधिकतर स्थानों के लिये यहाँ से गाड़ियाँ मिल जाती हैं। झाँसी से आप आसानी से बस द्वारा ओरछा आ सकते हैं। झाँसी रेलवे स्टेशन से ओरछा आने के लिये टैक्सियाँ भी उपलब्ध रहती हैं।
Image Courtesy:Dennis Jarvis

सड़क मार्ग से

सड़क मार्ग से

मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से ओरछा तक आसानी से और सुविधाजनक तरीके से आया जा सकता है। ओरछा को जाने वाली सड़के अच्छी हैं। मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण स्थानों से ओरछा के लिये बसे नियमित रूप से चलती रहती हैं। आसपास के स्थानों से आप टैक्सी लेकर भी ओरछा पहुँच सकते हैं।
Image Courtesy: YashiWong

कब जाएँ

कब जाएँ

ओरछा आने का सर्वश्रेष्ठ मौसम अक्टूबर से मार्च के बीच का सर्दियों का मौसम है। उपरोक्त महीनों को ओरछा आने के लिये पसन्दीदा माना जाता है क्योंकि ये घूमने फिरने के लिये सर्वश्रेष्ठ होते हैं। इसके साथ ही सर्दियों के मौसम के साथ त्यौहारी मौसम भी आ जाता है।
Image Courtesy:Jean-Pierre Dalbera

कहाँ ठहरें

कहाँ ठहरें

ओरछा में कहाँ ठहरें होटलों की अधिक जानकारी की लिए बस एक क्लिक करें-
अगर आप ऐतिहासिक शहर में इतिहास से रूबरू होने के लिए जाना चाहते हैं तो आप बे-झिझक जाइये क्यूंकि आपको ववाह पहुंचकर रुकने की दिक्कत नहीं होगी जानिये ओरछा में आप कहाँ ठहर सकते हैं-
शीश महल, अमर महल होटल, ओरछा रिज़ोर्ट, राज महल, बुंदेलखंड होटल आदि।
Image Courtesy:Jeff Hart

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