बीते दिन दक्षिण भारत ओखी नामक चक्रवात का शिकार है..जिससे तमिलनाडू केरला में भरी बारिश हो रही है। जिसके चलते सबरीमाला जाने वाले भक्तो की यात्रा थोड़ी सी मुश्किल हो गयी है।जिसके चलते सबरीमाला आने वाले श्रद्धालुओं को पंबा नदी में स्नान ना करने और डुबकी ना लगाने की चेतावनी दे दी गई है। इसके अलावा तीर्थयात्रियों को जंगल की ओर से ट्रैकिंग कर मंदिर ना जाने की भी चेतावनी दी है क्योंकि यहां पर भी तेज तूफान की वजह से कई पेड़ गिर गए हैं।
अज्हूथ और करीमाला के रूट पर रास्ता कीचड़ और फिसलन वाला हो गया है जिस वजह से तीर्थयात्रियों को खतरा है। श्रद्धालुओ को अपनी गाडियां और कार पेड़ों के नीचे पार्क करने के लिए मना किया गया है साथ ही किसी भी जलाशय के पास भी वाहन खड़ा करने से मना किया है।
अपनी इच्छा शक्ति को परखना है तो करें सबरीमला स्थित भगवान अय्यप्पा स्वामी मंदिर की यात्रा
सभी श्रद्धालुओं को शाम 6 बजे से 7 बजे तक मंदिर में प्रवेश करना वर्जित कर दिया गया है। सन्निधानम और पंबा से श्रद्धालुओं को दूर रखने के लिए कहा गया है और पेड़ों और जलाशय से भी दूर रहने की चेतावनी दी गई है। एलर्ट रहने तक नदी में नहाना और जंगल के रूट से जाना वर्जित है।
ओखी चक्रवात बंगाल की खाड़ी में तनाव की वजह से आता है जोकि केरल और तमिलनाडु की कई जगहों को तबाह कर सकता है। तूफानी मौसम के बीच केरल के कई दक्षिणी तट और क्षेत्र खतरे में हैं।
तमिलनाडु और केरल के कई जिलों में स्कूल और कॉलेजों में अवकाश की घोषण कर दी गई है। नागरिकों को जितना हो सके घर में रहने के लिए कहा गया है। मछुआरों को भी समु्द्र से दूर रहने की सलाह दी गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है इसलिए फिलहाल तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, इडुकि और कोट्टायम जिले में सफर ना करें। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। लक्ष्द्वीप में भारी बारिश हो रही है जिसके रविवार तक चलने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानियों के अनुसार ये चक्रवात लक्ष्द्वीप की ओर बढ़ रहा है इसलिए केरल और तमिलनाडु में भूस्खलन का खतरा कम है। हालांकि, कन्याकुमारी, ठुथुकुडी, तिरुवनंतपुरम के निचले क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों में पेड़ों के उखड़ने, बिजली के खंभे और कई घरों को क्षति पहुंची है।