राजस्थान,महाराष्ट्र , पुणे और दिल्ली के किलों के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आप हिमाचल प्रदेश स्थित किलों के बारे में जानते हैं। उत्तर भारत में स्थित हिमाचल प्रदेश पर्यटकों द्वारा घूमने वाली जगहों में से एक है।
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, प्रकृति और शांत वातावरण के कारण हर साल पूरी दुनिया के लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। मुख्य रूप से देवभूमि या देवताओं की भूमि के नाम से लोकप्रिय ये राज्य आने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग है यहां की हरियाली, बर्फ से ढंकी हुई चोटियां," loading="lazy" width="100" height="56" />हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरती, प्रकृति और शांत वातावरण के कारण हर साल पूरी दुनिया के लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। मुख्य रूप से देवभूमि या देवताओं की भूमि के नाम से लोकप्रिय ये राज्य आने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग है यहां की हरियाली, बर्फ से ढंकी हुई चोटियां,
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लेकिन आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिये हिमाचल की खूबसूरती नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत किलों" loading="lazy" width="100" height="56" />लेकिन आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिये हिमाचल की खूबसूरती नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत किलों
कांगड़ा किला
कांगड़ा किले को नगर कोट के नाम से भी जाना जाता है। जिसका निर्माण काँगड़ा के मुख्य साही परिवार ने कराया था। ये काँगड़ा शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है , ये किला जितना सुन्दर है उतना ही इसका ऐतिहासिक महत्त्व भी है। इस किले का वर्णन महाभारत में भी है साथ ही ये भी कहा गया है की जब महान यूनानी शासक अलेक्जेंडर ने यहाँ आक्रमण किया तब भी ये किला यहाँ मौजूद था। ये किला 4 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। ये किला आज जहाँ स्थित है उसे पुराना काँगड़ा भी कहा जाता है। यहाँ आने वाले पर्यटक इस किले में वॉच टावर , लक्ष्मी नारायण मंदिर और आदिनाथ मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं।PC: Aleksandr Zykov
अरकी
इस किले का निर्माण राणा पृथ्वी सिंह ने 1695 से 1700 के दौरान किया था। गुरखा, जिन्होनें इस स्थान का उपयोग ब्रिटिशों पर हमले करने के लिये किया था, उन्होंने इस स्थान को 1815 तक अपने कब्ज़े में रखा। यह किला मुग़ल और राजपूत वास्तुकला की मिली जुली शैली को दर्शाता है। यह सोलन जिले के अरकी में स्थित है, जो एक बार बागहल वंश की राजधानी थी।
कमरू किला
ये जगह सांगला घाटी से 2 किलोमीटर और शिमला से से 229 किमी की दूरी पर स्थित है, साथ ही यह एक हिमाचल प्रदेश में सबसे पुराने किलों में से एक है। यहां पर आने वाले पर्यटक मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान बुद्ध की छवि का दर्शन कर सकते हैं। लकड़ी बालकनी किले की सुंदरता पर चार चांद लगाती है। हिंदू देवी कामाख्या देवी की एक मूर्ति जो कामाक्षी देवी के रूप में भी जानी जाती है किले की तीसरी मंजिल पर निहित है।PC:Ashish Gupta
नूरपुर किला
नूरपुर किला 10 वीं शताब्दी में पठानिया कबीले द्वारा बनाया गया था, जो कि उस समय के दौरान यहाँ के शासक थे। यह किला बेहद अद्भुत है। क्षतिग्रस्त होने के बावजूद भी किले की कला शैली और इतिहास अपने आप में बेहद रोचक है। किले की दीवारें अब भी इतिहास की याद दिलाती है। किला परिसर काफी बड़ा है तथा यहां एक भव्य मंदिर के भी खंडहर मौजूद है। किले को देखकर लगता है कि यह किला हिमाचल का शायद सबसे बड़ा किला रहा है।PC: Viraat Kothare
सुजानपुर किला
सुजानपुर टीहरा में कांगड़ा के राजा महाराजा संसार चाद काटोच के समय के दौरान बनाए गए कई खूबसूरत वास्तुकला को देखा जा सकता हैं। सुजानपुर किला उत्कृष्ट दीवार चित्रों के लिए जाना जाता है। दुर्भाग्य से, 19 05 में भूकंप के कारण अब कई खूबसूरत ढांचे नष्ट हो चुके हैं..हालांकि अब भी खंडहर के बीच यह किला देखा जा सकता है।PC:Viraat Kothare