बैंगलोर से 138 कि.मी और मैसूर से 77.5 कि.मी की दूरी पर स्थित शिवानासमुद्र, कर्नाटक राज्य का एक प्रसिद्ध जलप्रपात है, जो राज्य के चुनिंदा खास पर्यनट स्थलों में गिना जाता है। इस झरने के नाम का शाब्दिक अर्थ 'शिव का सागर' है। यह बैंगलोर के निकटवर्ती सबसे लोकप्रिय झरनों में से एक है, जहां पर्यटक वीकेंड पर मौज मस्ती करने और हफ्ते भर की थकान उतारने के लिए आते हैं। यह एक खंडित झरना है, जिसमें से जल की कई धाराएं एकसाथ जमीन तक का अपना सफर तय करती हैं। यह खूबसूरत जलप्रपात कावेरी नदी से जल प्राप्त करता है।
शिवानासमुद्र द्वीप कावेरी नदी को दो हिस्सों में विभाजित करता है जिससे दो झरनों का निर्माण होता है, एक गगनचुक्की है और दूसरा भाराचुक्की है। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से यह जलप्रपात आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है। जानिए यहां आने का सही समय और महत्वपूर्ण जानकारी।
क्यों आएं शिवानासमुद्र ?
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शिवानासमुद्र जलप्रपात की सैर कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए की जा सकती है। यह एक विशाल और अद्भुत झरना है, खासकर प्रकृति प्रेमियों को रोमांच के शौकीनों के लिए एक आदर्श स्थल है। इस जलप्रपात की चौड़ाई 305 मीटर और ऊंचाई 98 मीटर की है। यह खंडित जलप्रपात है, जहां पानी विभिन्न चट्टानी माध्यमों से होकर एक साथ गिरता है। इस झरने के गिरते पानी की आवाज बहुत दूर तक सुनी जा सकती है। वीकेंड पर घूमने और रिफ्रेशिंग एहसास के लिए आप यहां की सैर का प्लान बना सकते हैं। यहां के आसपास का माहौल हरियाली से भरा हुआ है, जिसकी खूबसूरती आगंतुकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। पहाड़ी पृष्ठभूमि के साथ यह झरना बहुत ही आकर्षक नजर आता है, आप यहां सूर्योदय और सूर्यास्त के शानदार दृश्यों को भी देख सकते हैं। दूर से इस जलप्रपात की धाराएं दूध समान प्रतीत होती हैं।
हरे भरे माहौल के साथ पानी का सफेद रंग काफी खूबसूरत नजर आता है। सच मानिए हफ्ते भर की थकान उतारने का इसे बढ़िया प्राकृतिक विकल्प और कोई हो ही नहीं सकता है। आप यहां खुद को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करेंगे। अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं, तो यहां के नजारों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।
आने का सही समय
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दक्षिण भारत के बाकी राज्यों की तुलना में कर्नाटक का मौसम सालभर अनुकूल बना रहता है। और खासकर यहां के पहाड़ी और ऊंचाई वाले स्थलों का मौसम काफी खुशनुमा रहता है। बैंगलोर के आसपास बसे जलप्रपातों का भ्रमण साल भर किया जा सकता है। शिवानासमुद्र आने का सबसे आदर्श समय मॉनसून के दौरान का है, इस दौरान कावेरी नदी सामान्य से अधिक जल प्राप्त करती है, और फलस्वरूप शिवानासमुद्र फॉल्स का वेग बढ़ जाता है। इस दौरान यह जलप्रपात भर कर चलता है। आप यहां जुलाई से लेकर अक्टूबर के दौरान किसी भी सयम आ सकते हैं। कृपया आने से पहले मौसम का जायजा जरूर लें , और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
आसपास के आकर्षण
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शिवानासमुद्र जलप्रपात के अलावा आप यहां के पर्यटन स्थलों की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। जलप्रपात भ्रमण के दौरा आप यहां के प्रसिद्ध मंदिरो के दर्शन का सौभाग्य जरूर प्राप्त करें। श्री रंगनाथस्वामी मंदिर यहां के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है, जहां दर्शन के लिए रोजाना स्थानीय के साथ-साथ दूर-दराज से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। इस मंदिर को मध्य रंगा से नाम से भी संबोधित किया जाता है। यह मंदिर वैष्णव श्रद्धालुओं के मध्य काफी लोकप्रिय है। भगवान की आकर्षक प्रतिमा से साथ यह एक प्राचीन मंदिर है।
श्री सोमेश्वर मंदिर यहां का अन्य प्राचीन मंदिर है, माना जाता है कि यहां आदि शंकराचार्य का आगमन हुआ था और उन्होंने यहां श्री चक्र स्थापित किया था। यहां स्थापित सोमेश्वर लिंग, रंगनाथस्वामी मंदिर से काफी प्राचीन है, और माना जाता है कि इस लिंग की पूजा सप्तऋषि किया करते थे।
कैसे करें प्रवेश
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शिवानासमुद्र जलप्रपात बैंगलोर से 138 कि.मी की दूरी पर स्थित है, जहां आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटवर्ती हवाईअड्डा मैसूर और बैंगलोर एयरपोर्ट है, रेल मार्ग के लिए आप मैसूर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। आप मैसूर या बैंगलोर से सीधे सड़क मार्ग के जरिए यहां तक पहुंच सकते हैं।