भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा स्थित कंधमाल, एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों रूपों में काफी ज्यादा मायने रखता है। यह ओडिशा के ऊंचाई वाले स्थान पर स्थित है, जहां का मौसम साल भर अनुकूल बना रहता है, यानी कि आप यहां एक शानदार अवकाश बिता सकते हैं। प्राकृतिक आकर्षणों में आप यहां नदी, झरने, पहाड़ियों को देख सकते हैं। एक प्रकृति प्रेमी से लेकर एडवेंचर के शौकीनों के लिए यहां बहुत कुछ उपलब्ध है।
यहां की यात्रा आपके लिए मनोरंजक के साथ-साथ काफी ज्यादा ज्ञानवर्धक भी रहेगी। आपको यहां स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को करीब से देखने का मौका मिलेगा। इस लेख के माध्यम से जानिए अपने विभिन्न पर्यटन स्थलों के साथ कंधमाल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
डेरिंग बाड़ी
PC- Sakar Tiwari
कंधमाल भ्रमण की शुरुआत आप यहां के प्रसिद्ध हिल स्टेशन डेरिंग बाड़ी से कर सकते हैं। यह हिल स्टेशन लगभग 3000 फीट की ऊचाईं के साथ यहां बसा है। यह ओडिशा का एकमात्र ऐसा स्थल है, जहां आप सर्दियों में बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं। सर्दियों में यहां का तापमान कभी-कभी माइनस में भी चला जाता है। यहां का मौमस साल भर खुशनुमा बना रहता है, जहां आप एक शानदार ट्रिप का प्लान बना सकते हैं। यहां के खुबसुरत नजारों को देखते हुए इसे ओडिशा का कश्मीर कहा जाता है। यहां के कुदरती नजारें, और पहाड़ी दृश्य सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं।
पुतुदी जलप्रपात
PC-MKar
हिल स्टेशन के अलावा आप यहां के जलप्रपातों की सैर का प्लान भी बना सकते हैं। पुतुदी यहां के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां रोजाना सैलानियों का आगमन लगा रहता है। फुलबानी से इस झरने की दूरी मात्र 15 कि.मी की है। इस जलप्रपात का पानी यहां की बादा सालुकी नदी में मिल जाता है। जलप्रपात का आसपास का इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है, जो सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। यहां वीकेंड पर पर्यटन पिकनिक मनाने और मौज मस्ती करने के लिए भी आते हैं।
बेलघर
कंधमाल स्थित पर्यटन स्थलों की श्रृंखला में आप बेलघर की सैर का प्लान बना सकते हैं। बेलघर 2555 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक हैमलेट है, जो यहां के चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा यह स्थल ट्रैवलर्स को काफी ज्यादा रोमांचित करने का काम करता है। इस इलाके में कुटिया कोंधा नाम की जनजाति रहती है, जिनके झोपड़े यहां देखे जा सकते हैं। यह जनजाति आज भी अपनी पारंपरिक जीवनशैली से खाने जुटाने का काम करती है। यहां के लोग काफी मित्रता स्वभाव हैं। आप यहां ट्रेकिंग जैसी रोमाचंक गतिविधियों का रोमांच भरा अनुभव भी कर सकते हैं। आप यहां जंगली जानवरों में हाथी को देख सकते हैं।
चकपद
आप यहां बरतुंगा नदी के तट पर स्थित धार्मिक स्थल चकपद की ओर रूख कर सकते हैं। यह स्थान भगवान बिरुपाक्ष का घर माना जाता है। यह स्थल शैववाद के लिए ज्यादा जाना जाता है। यहां भगवान शिव की पूजा बिरुपाक्ष, आनंदेश्वर और जगेश्वर के नाम से की जाती है। यहां तीन भव्य मंदिर बने हुए हैं, जहां के दर्शन के लिए रोजान श्रद्धालुओं का आगमन होता है। खासकर शिवरात्रि और स्थानीय धार्मिक त्योहारों के दौरान यहां भव्य आयोजन किए जाते हैं। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।
बलासकुंपा
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां बलासकुंपा की सैर का प्लान बना सकते हैं। बलासकुंपा यहां की बाराला देवी के स्थान के लिए प्रसिद्ध है, जो दुनिया की रक्षक मानी जाती है। यहां दशहरा जैसे खास मौकों पर भव्य आयोजन किए जाते हैं। यहां दशहरा काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यहां के आप पिला सालुंकी बांध की सैर के लिए भी जा सकते हैं। यह बांध अपने शानदार प्राकृतिक नजारों के लिए जाना जाता है, जहां पर्यटक पिकनिक मनाने और मौज मस्ती करने के लिए आते हैं।