मुंबई से 400 कि.मी की दूरी पर स्थित सोलापुर महाराष्ट्र का एक लोकप्रिय शहर है, जो राज्य की दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है। प्राचीन काल में यह शहर जैनों का एक बड़ा आध्यात्मिक केंद्र था। यह शहर कई शक्तिशाली राजवंशों के अधीन रह चुका है। इतिहास के पन्नों के अनुसार यहां काफी लंबे समय तक हिंदू चालुक्यों और देवगिरि यादवों का शासन रहा। बाद में यह बीजापुर और बहमनी साम्राज्य के अधीन चल गया । अतीत से जुड़े यहां कई प्राचीन साक्ष्यों को देखा जा सकता है। सोलापुर दो शब्दों से मिलकर बना है, एक सोला यानी सोलह और पुरा मतलब गांव। पर्यटन के लिहाज से यह एक खास स्थल है, जहां घूमने-फिरने और देखने योग्य कई शानदार स्थल मौजूद हैं, लेकिन आज हम इस लेख के माध्यम से आपको सोलापुर के निकटवर्ती उन खास स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां का प्लान आप वीकेंड पर बना सकते हैं। जानिए ये स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकते हैं।
तुलजापुर
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आप वीकेंड पर सोलापुर से तुलजापुर की सैर का प्लान बना सकते हैं। तुलजापुर महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले स्थित एक खूबसूरत शहर है, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी खास माना जाता है। इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह एक आदर्श स्थल है, जहां कई शानदार अतीत से जुड़े स्थलों को देखा जा सकता है। आप यहां किले-स्मारकों से लेकर प्राचीन मंदिर और गुफाएं भी देख सकते हैं। आप यहां दर्शनीय स्थलों में तुलजा भवानी मंदिर, घाट शिला मंदिर, धाराशिव जैन गुफा, या फिर नलदुर्ग को भी देख सकते है। एक यादगार सफर के लिए आप यहां आ सकते हैं।
बागलकोट
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सोलापुर से आप कर्नाटक स्थित बागलकोट की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह एक खास स्थल है, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है। इस स्थल का प्राचीन नाम बगाडिगे था। इस स्थल का संबंध पौराणिक काल से भी बताया जाता है, माना जाता है कि यह शहर रावण द्वारा किसी भजन मंडली(भजनत्री) को दिया गया था। यहां कई शक्तिशाली राजवंश शासन कर चुके हैं, जिसमें पेशवा, मैसूर, मराठा, विजयनगर और अंग्रेज प्रमुख थे। आप यहां कई खूबसूरत दर्शनीय स्थलों को देख सकते हैं, जिसमें प्राचीन जैन मंदिर, विरुपाक्ष मंदिर, बादामी गुफा, रावणपहाड़ी गुफा, पुरातत्व संग्रहालय आदि शामिल हैं।
विजयपुर
सोलापुर से आप कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थलों में से एक विजयपुर की सैर का प्लान बना सकते हैं। विजयपुर को बीजापुर के नाम से ज्यादा जाना जाता है। यह स्थल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है। अतीत से जुड़ी कई प्राचीन संरचनाओं को यहां देखा जा सकता है, जिसमें बीजापुर का किला, जामिया मस्जिद, इब्राहिम रौजा मकबरा, मेहतर महल, सात मंजिल, ताज बावड़ी, गोल गुंबज, नारी महल, मलिक-ए-मैदान आदि को देख सकते हैं। यहां का मुख्य आकर्षण बीजापुर फोर्ट है, जिसे आदिल शाही राजवंश के दौरान बनवाया गया था। यहां बनाई गई प्राचीन इमारते वास्तुकला के उत्कृष्ट रूपों को प्रदर्शित करती हैं। एक शानदार सफर के लिए आप यहां का प्लान बना सकते हैं।
चंदोली नेशनल पार्क
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आप सोलापुर से महाराष्ट्र के चंदोली राष्ट्रीय उद्यान की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह राज्य के चुनिंदा सबसे खास वनजीव उद्यानों में गिना जाता है, जहां सालभर पर्यटकों का आगमन लगा रहता है। यह आरक्षित वन क्षेत्र 317.67 वर्ग कि.मी में फैला हुआ है, जहां आप वनस्पति, जंगली जीवों और पक्षियों की कई प्रजातियों को देख सकते हैं। पहले यह एक अभयारण्य था बाद में इसे नेशनल पार्क का दर्जा दिया गया। जंगली जीवों में आप यहां बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, जंगली बिल्ली, भालू, सांभर, भौंकने वाली हिरण, काला हिरण आदि को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां स्थानीय और प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं।
हुबली
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप सोलापुर से हुबली की सैर का प्लान बना सकते हैं। माना जाता है कि यह स्थल चालुक्यों के समय अस्तित्व में आया था, इसे प्राचीन समय में रायरा हुबली, पुरबल्ली आदि नामों से जाना जाता था। उस दौरान यह व्यापार का भी एक बड़ा केंद्र बना। इस शहर को धारवाड़ के साथ जोड़कर एक जुड़वा शहरों के नाम से भी संबोधित किया जाता है। ये दो शहर एक दूसरे से मात्र 20 कि.मी के फासले में मौजूद हैं। पर्यटन के लिहाज से यह एक शानदर स्थल है, जहां कई खूबसूरत दर्शनीय स्थलों को देखा जा सकता है, जिसमें बनशंकरी मंदिर, नवगृह तीर्थ, इंदिरा गांधी ग्लास हाऊस गार्डन आदि शामिल हैं।