विश्व भर के सैलानियों का पसंदीदा पर्यटन स्थल हिमाचल, हमेशा से ही एक आनंद स्थल के रूप में जाना गया है। हिमालय की गोद में बसा यह पहाड़ी राज्य अपनी प्राकृतिक खूबसूरती से सबका मनोरंजन करता है। आप यहां प्रकृति, इतिहास का एक खूबसूरत मेल देख सकते हैं। यहां शिमला, कुल्लू, मनाली, चंबा, धर्मशाला, डलहौजी, कांगड़ा आदि स्थल वर्षभर पर्यटकों से भरे रहते हैं। पर ऐसा बिलकुल नहीं है, कि इन स्थलों के अलावा यहां देखने योग्य अन्य पर्यटन स्थल मौजूद नहीं हैं। हिमाचल के ऑफबीट स्थलों की बात करें यहां बहुत सी ऐसी जगहें मौजूद हैं, जो अधिकांश पर्यटकों की पहुंच से बाहर हैं।
इन्हीं स्थलों में से एक है, सोलन जिले का अर्की, जो कुदरती और ऐतिहासिक दोनों की मायनों में बहुत ही खास माना जाता है। यह एक ऐतिहासिक नगर है, जो अपने प्राचीन किलों के लिए ज्यादा जाना जाता है, जो 18वीं शताब्दी के काल से संबंध रखते है। जानिए पर्यटन के लिहाज से यह नगर आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
अर्की का किला
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अर्की भ्रमण की शुरुआत आप यहां के ऐतिहासिक स्थलों से कर सकते हैं, अर्की का किला आपकी आपकी यात्रा का पहला गंवत्य बन सकता है। 18वीं शताब्दी के संबंध रखता यह किला राणा पृथ्वी सिंह द्वारा बनाया गया था, जो शहर में हुए आक्रमण के दौरान गोरखा शासकों द्वारा उपयोग किया गया था। वर्तमान मे इस किले को आप एक हेरिटेज होटल की तरह देख सकते हैं, जो राजपूत और मुगल वास्तुशिल्प शैलियों का खूबसूरत मिश्रण पेश करता है।
किले की दीवारें आक्रषक पहाड़ी चित्रकारी द्वारा सजाई गई हैं, जो यहां के स्थानीय निवासियों के प्रारंभिक जीवन शैली को भली भांति व्यक्त करती हैं। किला पूर्व शासक राजा राजेंद्र सिंह के वंशजों की निजी संपत्ति है। इस किले से आप हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद भी भरकर ले सकते हैं।
अर्की का महल
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अर्की के ऐतिहासिक स्थलों की श्रृंखला में आप यहां का प्रसिद्ध महल देख सकते हैं, जिसे अर्की पैलेस के नाम से संबोधित किया जाता है। अतीत से जुड़े साक्ष्यों के अनुसार अर्की महल का निर्माण 18 वीं शताब्दी के दौरान राजा पृथ्वी सिंह ने करवाया था। यह महल अर्की कलाम शैली में बनाए गए अपने भित्तिचित्रों के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है। आप यहां पुराणों और लोककथाओं से प्रेरित शिलालेख और चित्रकारी देख सकते हैं।
कालिदास के कुमारसंभव की प्रसिद्ध दीवार चित्रण यहां प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। यहां की वास्तुकला अतीत के जुड़े कई समकालीन विषयों को दर्शाती हैं। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं।
भद्रकाली मंदिर
ऐतिहासिक स्थलों के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं। यहां स्थित मां काली का भद्रकाली मंदिर लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में गिना जाता है, जो 1650 में बनाया गया था। यह मंदिर जाखोली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक महत्व के अलावा यह मंदिर अपनी आकर्षक वास्तुकला और नक्काशी के लिए भी प्रसिद्ध है। आप मंदिर की दीवारों पर कई जटिल नक्काशियों के काम देख सकते हैं। यह एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां रोजाना श्रद्धालुओं और पर्यटकों का अच्छा खासा जमावड़ा लगता है।
लुतुरु महादेव मंदिर
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भद्रकाली मंदिर के अलावा आप यहां लुतुरा महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यहां पहाड़ों पर स्थित लुतुरु महादेव मंदिर एक पवित्र स्थान के साथ-साथ राजपूत शासकों की विरासत के रूप में भी जाना जाता है। यह मंदिर चट्टानों से घिरा है, इसलिए श्रद्धालुओं को यहां संभलकर चलकर पड़ता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर से एक किवंदती भी जुड़ी हुई है, माना जाता है कि भागल के राजा को सपने में भोलेनाथ ने दर्शन दिए थे, और उन्हें पहाड़ के शीर्ष पर एक मंदिर बनाने का आदेश दिया। जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण किया गया। एक अलग अनुभव के लिए आप यहां दर्शन के लिए आ सकते हैं।
कुनिहार
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के खूबसूरत प्राकृतिक स्थल कुनिहार की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह सोलन जिले की एक खूबसूरत घाटी है जिसका नाम पूर्ण प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने रखा था, क्योंकि यह कुछ माला की आकृति सी दिखती है।
जिले के पहाड़ों के बीच स्थित यह स्थल सैलानियों को काफी ज्यादा अपनी ओर आकर्षित करता है। जानकारी के अनुसार इस स्थल को बसाने का श्रेय जम्मू कश्मीर के रघुवंशी राजपूत अभोज देव को जाता है। आप यहां कई ऐतिहासिक संरचनाएं और प्रसिद्ध मंदिर देख सकते हैं।