सिविल कोर्ट के पास महात्मा गांधी रोड से पूर्व की ओर स्थित रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान उत्तर भारत का सबसे पुराना कैथोलिक कब्रिस्तान है। चहारदीवारी से घिरा अपेक्षाकृत छोटे इस कब्रिस्तान में यूरोप और भारत के कई ऐतिहासिक शख्सियत, शिल्पकार और सिपाही की समाधियां...
फिरोज खान ख्वाजासराय का उल्लेख मुगल बादशाह जहांगीर के वृतांत में भी मिलता है। दरअसल वह मुगल बादशाह शाहजहां के दरबार का एक कुलीन व्यक्ति था। उनके खिताब ख्वाजा सराय से पता चलता है कि वह शाही औरतों के रहने की जगह हरम का प्रभारी था।
फिरोज खान का निधन 7...
इसे आराम बाग और बाग-ए-गुल अफसान के नाम से भी जाना जाता है। राम बाग की अवधारणा और निर्माण भारत में पहले मुगल बादशाह बाबर ने 1528 में करवाया था। यह चीनी का रोजा से 500 मीटर, एतमादुद दौला का मकबरा से 3 किमी और ताजमहल से करीब 5 किमी दूर है।
चारों ओर फैला हुआ यह...
मरियम जमानी अजमेर के राजा भारमल कछवाहा की बेटी थी। उनकी शादी मुगल बादशाह अकबर से हुई थी। लंबे इंतजार के बाद जब उन्होंने अकबर के बेटे सलीम को जन्म दिया, तो अकबर ने उन्हें मरियम जमानी का खिताब दिया, जिसका अर्थ होता है-विश्व के लिए दयालु। बाद में यही सलीम जहांगीर के...
कीठम झील सिकंदरा से 12 किमी और आगरा से 20 किमी दूर नेशनल हाइवे-2 पर स्थित है। यह सुरम्य झील शांत वातावरण के बीच है और पिकनिक मनाने का एक बेहतरीन विकल्प मुहैया कराता है। साथ ही शहरी जीवन की भाग-दौड़ के बीच यहां आराम के कुछ पल बिताए जा सकते हैं। करीब 7.13...
विश्व प्रसिद्ध ताज महल के अलावा आगरा मुगल वास्तुशिल्प से बनी उत्कृष्ट कृतियों के लिए भी काफी चर्चित है। इन्हीं में से एक है अकबर महान का मकबरा। सिकंदरा स्थित यह मकबरा 119 एकड़ में फैला हुआ है। 8 साल में बने इस मकबरे का निर्माण कार्य अकबर के द्वारा 1605 में शुरू...
इसे समन बुर्ज और शाह बुर्ज के नाम से भी जाना जाता है। आगरा के किले में यह मुगल बादशाह शाहजहां के दीवान-ए-खास के पास स्थित है। 17वीं शताब्दी में शाहजहां ने इस अष्टभुज आकार के बुर्ज का निर्माण अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल को श्रद्धांजलि देने के लिए करवाया था। पर्यटक...
आगरा में ढेर सारे मंदिर हैं। इनमें मंगलेश्वर मंदिर, श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर, आर्य समाज मंदिर और दयाल बाग में स्वामी जी महाराज को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर प्रमुख है।
शहर के इन मंदिरों में से कुछ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इनमें से एक है बागेश्वर नाथ...
महताब बाग का अर्थ होता है चांद की रोशनी का बाग। यमुना नदी के किनारे 25 एकड़ में फैले इस बाग का निर्माण 1631 से 1635 के बीच करवाया गया था। ताजमहल के सममितिय बना है क्योंकि इसकी चौड़ाई ताजमहल की चौड़ाई के ठीक बराबर है। बाग के बीच में एक बड़ा सा अष्टभुजीय तालाब...
सिकंदरा में अकबर के मकबरे के बगल में स्थित वर्गाकार कांच महल मुगल वास्तुशिल्प की विशेषताओं का जीता-जागता उदाहरण है। रिकॉर्ड से पता चलता है कि इसका निर्माण 1605 से 1619 के बीच किया गया था। इसके निर्माण में टाइल्स का भरपूर स्तेमाल हुआ है, इसलिए इसे कांच महल कहा जाता...
आगरा के किले को कभी-कभी लाल किला भी कहा जाता है। न सिर्फ लाल रंग, बल्कि दिल्ली स्थित लाल किले से इसकी वास्तुशिल्प शैली और डिजाइन भी काफी मिलती है। दोनों ही किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। यही कारण है कि जब पर्यटक आगरा के किले को देखते हैं, तो उन्हें...
स्वामी बाग के नाम से भी प्रसिद्ध दयाल बाग राधास्वमी सत्संग का मुख्यालय है। इसकी स्थापना राधास्वामी सत्संग के पांचवें गुरु हुजूर साहबजी महाराज ने की थी। दयाल बाग की स्थापना 1915 में बसंत पंचमी के दिन शहतूत का पौधा लगाकर की गई थी। आगरा से 15 किमी दूर दयाल बाग...
आगरा के बाहरी इलाके में बालुचपुरा स्टेशन और सिकंदरा के पास स्थित गुरु का ताल एक ऐतिहासिक सिख गुरुद्वारा है। संत बाबा साधू सिंह जी मुनी के नेतृत्व में 1970 में इस गुरुद्वारे को मुख्य रूप से सिख समुदाय के योगदान से बनवाया गया था।
इस तीर्थ स्थल का निर्माण...
मुगल बादशाह शाहजहां की ख्याति स्मारक बनाने के लिए भी रही है। उन्हें वास्तुशिल्प कला की भी अच्छी जानकारी थी। मोती मस्जिद का निर्माण भी शाहजहां ने ही करवाया था। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह मस्जिद एक बड़े मोती के मानिंद चमकता है।
इसका निर्माण आगरा के किले...
मरियम बादशाह अकबर की पहली राजपूत पत्नी थी। वह अंबेर के कचवाहा राजपूत सेनापति राजा भारमल की सबसे बड़ी बेटी थी। इसी अंबेर को आज अजमेर के नाम से जाना जाता है। मरियम ने ही अकबर के बहुप्रतीक्षित बेटे सलीम को जन्म दिया था, जिसे बाद में नुरुद्दीन सलीम जहांगीर के...