स्वामी बाग के नाम से भी प्रसिद्ध दयाल बाग राधास्वमी सत्संग का मुख्यालय है। इसकी स्थापना राधास्वामी सत्संग के पांचवें गुरु हुजूर साहबजी महाराज ने की थी। दयाल बाग की स्थापना 1915 में बसंत पंचमी के दिन शहतूत का पौधा लगाकर की गई थी। आगरा से 15 किमी दूर दयाल बाग अपने आप में नैसर्गिक सुंदरता समेटे हुए है।
राधास्वामी सत्संग के अनुयाइयों की यह कॉलोनी पूरे साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। 1200 एकड़ में फैला आज का दयाल बाग पहले रेत का टीला हुआ करता था। यहां के लोगों ने अथक प्रयास से दयाल बाग को हरे-भरे फुलवारी में बदल दिया।
इस कॉलोनी में एक खूबसूरत मंदिर भी है। 110 फीट ऊंचे इस मंदिर को हिंदू वास्तुशिल्प डिजाइन से तैयार किया गया है। अगर पर्यटकों की बात की जाए तो ताजमहल को दयाल बाग से कड़ी चुनौती मिलती है।