ताज महल की गितनी विश्व के सात अजूबों में होती है। इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। यहीं मुमताज महल का मकबरा भी है। ताजमहल भारतीय, पर्सियन और इस्लामिक वास्तुशिल्पीय शैली के मिश्रण का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इसका निर्माण कार्य 1632 में शुरु हुआ था। 21 साल तक इसमें हजारों शिल्पकार, कारीगर और संगतराश ने काम किया और 1653 में ताजमहल बनकर तैयार हुआ। यहां स्थित मुमताज महल का मकबरा ताजमहल का मुख्य आकर्षण है। सफेद संगमरमर से बना यह मकबरा वर्गाकार नींव पर आधारित है। यह मेहराबरूपी गुंबद के नीचे है और यहां एक वक्राकार गेट के जरिए पहुंचा जा सकता है।
ताजमहल को 40 मीटर ऊंची सममितीय मीनारों से सजाया गया है। सामान्य मस्जिदों में भी ऐसी ही मीनारें हुआ करती हैं, जहां से मुअज्जन अजान देते हैं। हर मीनार तीन भाग में बंटा हुआ है और इसमें दो बालकॉनी है।
300 मीटर का वर्गाकार चार बाग भी ताजमहल की शोभा बढ़ाते हैं। इसमें कई उठे हुए रास्ते हैं, जो बाग को 16 फूलों की क्यारियों में बांटता है।