इस जगह को बुरहान शाह की याद में बनवाया गया था जोकि निजाम शाह का पुत्र था। इस पैलेस में पुराने जमाने की कला और संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है। यह बाग अष्टकोणीय रूप में बना हुआ है।
यहां के गुंबद के आकार का बड़ा सा हॉल है। निजाम शाही...
टैंक संग्रहालय में अंग्रेजों के जमाने के तोप और गोले रखे है। इसका पूरा नाम कावालेरी टैंक संग्रहालय है जो शहर के आर्म्स कार्प सेंटर के पास स्थित है। इस संग्रहालय का उद्घाटन र्स्वगीय बी सी जोशी ने 1994 में किया था।
यह एशिया में अपनी तरह...
सहयाद्री हिल्स से घिरी यह सेंचुरी अहमदनगर की शान है। यहां आकर आप अपनी पूरी फैमली के साथ एंजाय कर सकते है। कई तरह के जानवर इस सेंचुरी में है जो आपको देखने में नए और अनोखे लगेगें।
इस क्षेत्र में पास में ही कोशुल बाई चोटी भी पाई जाती है जो 1,650...
मुल्ला नदी के किनारे पर स्थित इस बांध को दयानेश्वर बांध के नाम से जाना जाता है। यह बांध अहमदनगर के राहुरी तालुका क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहां नौका विहार भी कर सकते है और परिवार के साथ सुकून भरे पल बिता सकते है।
इस बांध की भंडारण क्षमता 26 टी...
शाह ड़ोंगार नाम की पहाड़ी पर स्थित इस मकबरे को चांद बीबी के महल के रूप में भी जाना जाता है।इस मकबरे को सालाबत खान ने स्वंय अपने लिए बनवाया था। सालाबत खान,चौथे निजाम शाह के शासन में मुर्तजा के तहत एक मंत्री हुआ करते थे।
इस जगह में सालाबत खान के अलावा...
18 मी. ऊंचे इस किले का निर्माण 15 वीं और 16 वीं शताब्दी में अहमद निजाम शाह ने करवाया था।भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान इस किले में कई नामी-गिरामी नेताओं को कैद में रखा गया था।
जवाहर लाल नेहरू ने अपनी किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया में भी इस जगह का...
इस संग्रहालय में सिक्के, पुराने दस्तावेज और कई पुराने एंटीक पीस रखे है। इस संग्रहालय को अहमदनगर पालिका के संरक्षण में विकसित किया गया है। इस संग्रहालय को महाराष्ट्र दिवस के दिन 1960 में स्थापित किया गया था। इस म्यूजियम में कई...
काले पत्थरों से बना यह ऐतिहासिक स्मारक अहमद निजाम शाह का घर था जिसे मंदिर के गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थल किसी जमाने में अहमद निजाम शाह का ग्रेव हाउस हुआ करता था। इसका निर्माण राजा निजामी ने 16 वीं शताब्दी में करवाया था।
यह...
अहमदनगर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक कोट बाग निजाम है जिसे विजय गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। इस गार्डन का निर्माण 1499 में अहमद निजाम शाह ने करवाया था, जब वह बहमनी राजा पर विजय पाकर लौटे थे।
यह किला सिना नदी के तट पर बसा हुआ है।
आनंद धाम को श्री आनंद की स्मृति में बनाया गया है। श्री आनंद महाराज,अहमदनगर के समाजसेवी थे जिन्होने कई गरीब,बीमार और घायल लोगों की मदद की। साथ ही वह अच्छे लेखक भी थे। श्री आंनद महाराज का जन्म शिरल चिंचचौडी में हुआ था। कहा जाता है कि...