रायगढ़ जि़ले के कोंकण क्षेत्र में स्थित अलीबाग, महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर बना एक छोटा सा शहर है। यह मुंबई की प्रसिद्ध मैट्रो के पास है। अलीबाग का अर्थ है, अली का बाग। किंवदंतियों के अनुसार अली ने बहुत सारे आम और नारियल के पेड़ लगाए थे। 17वीं शताब्दी में बनी इस जगह की उन्नति शिवाजी महाराज ने की थी। 1852 में इसे 'तालुका' घोषित किया गया। अलीबाग, बेनी इज़राईली यहूदियों का निवास स्थान भी रह चुका है।
इतिहास
कोलाबा का किला इस बात का साक्षी है कि मराठा साम्राज्य ने भारत के इस भाग पर शासन किया था। यह किला जो इस समय जीर्णावस्था में है, अलीबाग के तट से साफ देखा जा सकता है। पूर्ण ज्वार के दौरान आप इस किले को देखने आ सकते हैं।
एक दूसरा किला है, खांडेरी का किला जो लगभग 3 शताब्दी पुराना है। पेशवा वंश में बना यह किला अंग्रेज़ी शासनकाल में अंग्रेज़ों को सौंप दिया गया। कनकेश्वर मंदिर और सोमेश्वर मंदिर ऐसे दो प्रतिष्ठित मंदिर हैं जो यहाँ आने वाले तीर्थयात्रियों के मन में श्रद्धा भर देते हैं। ये दोनों शानदार मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। यह छोटा सा शहर आज एक व्यापारिक केंद्र है जबकि यहाँ के स्थानीय लोग खेतों व झोपड़ियों में रहते हैं।
'महाराष्ट्र का गोआ' तीन तरफ से पानी से घिरे होने के कारण अलीबाग में बहुत सारे सुंदर तट हैं। सभी तटों के किनारे नारियल और सुपारी के पेड़ होने से सारा इलाका किसी उष्णकटिबंधीय समुद्र तट जैसा लगता है। यहाँ का मौसम बहुत सुहावना होता है और तट बिल्कुल अनछुए से लगते हैं। यहाँ की हवा प्रदूषणरहित व ताज़ी है और तटों का दृष्य किसी स्वर्ग जैसा लगता है।
जहाँ अलीबाग तट पर काली रेत आपको आश्चर्यचकित करती है, वहीं किहिम तट और नागाओ तट पर चाँदी सी सफेद रेत बिखरी हुई है। अक्षी तट भी आपको ज़रूर देखना चाहिए। अलीबाग के इन तटों पर अनेक विज्ञापनों, नाटकों व फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। अगर आप खुशकिस्मत है तो आप किसी बालीवुड सितारे से भी मिल सकते हैं जिनका फार्महाउस या बंगला अलीबाग में है।
चूंकि अलीबाग एक तटीय शहर है, इसलिए यहाँ के स्थानीय व्यंजन मछली से बने होते हैं। पोम्फरेट तथा सुरमयी पकवानों के अलावा सोल कढ़ी भी यहाँ का पसंदीदा व्यंजन है।
एक मज़ेदार वीकेंड बिताने के लिए अलीबाग के तट एक उत्तम स्थान है जहाँ आप दोस्तों और परिवार के साथ तट के किनारे चहलकदमी कर सकते हैं, पानी में खेल सकते हैं, या फिर शाम को समुद्र में डूबते सूरज को कुछ ही दूर से देख सकते हैं।
कब और कैसे पहुँचे अलीबाग
अलीबाग का मौसम सुहावना रहता है जहाँ तापमान न बहुत ज्यादा होता है और न बहुत कम। भारत के दूसरे क्षेत्रों की तरह यहाँ ज्यादा गर्मी नहीं होती। अधिकतम तापमान 36डिग्री सेल्सियस होता है। मानसून में सुखद अनुभव होने के बावजूद यहाँ घूमने में कुछ परेशानी हो सकती है। भरपूर बारिश के बावजूद आप वहाँ अपनी जि़म्मेवारी पर जाएं, क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि पूरी यात्रा के दौरान आप होटल के कमरे में ही अटक कर रह जाएं।
यहाँ आने के लिए सर्दियाँ सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस समय का ठंडा व सुहावना मौसम आपकी यात्रा को न केवल शानदार बल्कि यादगार भी बना देगा। क्रिसमस तथा नए साल पर यहाँ आना अच्छा रहेगा।
मुंबई से 30कि.मी. दूर अलीबाग, परिवहन के सभी साधनों जैसे- रेल, वायु और सड़क से भलाभांति जुड़ा है। मुंबई का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और पेन का रेलवे स्टेशन इसके सबसे निकट है। महाराष्ट्र राज्य के अंदर तथा बाहर के बड़े शहरों से यहाँ आने के लिए राज्य परिवहन और निजी बसें एक अच्छा विकल्प है। नौका भी एक अच्छा विकल्प है जिसमें मुंबई से अलीबाग की दूरी तय करने के लिए अरब सागर की यात्रा एक यादगार अनुभव रहेगा।
अलीबाग में वीकेंड बिताने की यह जगह मुलाकात के लिए एक आकर्षक स्थान है जो पर्यटकों की हर इच्छा को पूरी करने का प्रयास करता हैं। प्राचीन तट, ऐतिहासिक किलें और स्थानीय मंदिरों के साथ यह छोटा सा शहर धीमी लेकिन निरंतर प्रगति कर रहा है।
महाराष्ट्र का गोआ कहा जाने वाला यह स्थान तत्वमय तटों के कारण आप जैसे लड़के-लड़कियों की पसंदीदा जगह है। बिना कोई समय गवाएं अपना सामान पैक कीजिए और एक वीकेंड बिताने के लिए चले आइए, अलीबाग। यकीन मानिए, तटों से भरपूर यह छोटा सा शहर हमेशा के लिए आपके दिल में बस जाएगा।