133 एकड़ में फैला अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद का सबसे बड़ा पार्क है। इस पार्क को अंग्रेजी शासनकाल में राजकुमार अल्फ्रेड की भारत यात्रा के मद्देनजर बनया गया था। पार्क के अंदर राजा जार्ज पंचम और महारानी विक्टोरिया की विशाल प्रतिमा भी लगाई गई है। पार्क में महारानी...
शंकर विमान मंडपम एक धार्मिक स्थल है, जहां कई हिन्दू मूर्तियां रखी हुई हैं। 130 फीट ऊंचे इस भवन में कुमारी भट्ट, जगतगुरू शंकराचार्य और कमाक्षी देवी की प्रतिमा रखी गई है। त्रिवेणी के पास स्थित इस मंडपम के बारे में माना जाता है कि यह शक्तिपीठ है।
इलाहाबाद संग्राहालय का निर्माण 1931 में किया गया था और संस्कृति मंत्रालय इसके लिए फंड मुहैया कराता है। अनूठी कलाकृतियों के संग्रहण के मामले में इस संग्राहालय की खासी प्रतिष्ठा है। यह संग्राहालय चंन्द्रशेखर आजाद पार्क के बगल में स्थित है। 1947 में जब भारत...
हुनमान मंदिर न सिर्फ इलाहाबाद का एक प्रमुख मंदिर है, बल्कि पूरे भारत में यह हिन्दू आस्था का महत्वपूर्ण केन्द्र भी है। इस मंदिर का निर्माण 1787 में किया गया था और यहां आड़ी अवस्था में हनुमान जी की 20 फीट की मूर्ति रखी गई है। इसके अलावा अन्य भगवानों की मूर्तियां भी...
इलाहाबाद किले में पतालपुरी मंदिर के पास स्थित अक्षय वट को अमर बरगद वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब एक ऋषि ने भगवान नारायण से ईश्वरीय शक्ति दिखाने के लिए कहा तो भगवान ने क्षण भर के लिए पूरे संसार को जलमग्न कर दिया और फिर इस पानी को गायब...
इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत के पुराने अंग्रेजी भाषा के विश्वविद्यालयों में से एक है। ब्रिटिश शासनकाल में उत्तरी प्रांत के गवर्नर सर विलियम म्योर को एक केन्द्रीय शिक्षण संस्थान बनाने का विचार आया। इसके लिए उन्होंने पहले म्योर कॉलेज की स्थापना की। बाद में यही कॉलजे...
1902 में इविंग किश्चियन कॉलेज की स्थापना अमेरिकन प्रेस्बिटिरीअन मिशन द्वारा की गई थी। यह भारत के पुराने कॉलेजों में से एक है और शुरुआत में इसे एक हाई स्कूल का दर्जा प्राप्ता था। संगम के पास स्थित इस कॉलेज का कैंपस 42 एकड़ के हरे भरे क्षेत्र में फैला हुआ है।...
अपने समय में सबसे उत्कृष्ट समझे जाने वाले इलाहाबाद किला का निर्माण 1583 में किया गया था। यह अकबर के द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा किला है। अपने विशिष्ट बनावट, निर्माण और शिल्पकारिता के लिए जाना जाने वाला यह किला गंगा और युमाना के संगम पर स्थित है। इस किले का इस्तेमाल...
प्रसिद्ध ऑल सेंट कैथिडरल इलाहाबाद के दो प्रमुख सड़क के क्रासिंग पर स्थित है। 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने इस चर्च को उत्कृष्ट गौथिक शैली पर बनवाया था। इसकी डिजाइन प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार विलियम इमरसन ने तैयार की थी, जिन्होंने कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल की...
इलाहाबाद हाई कोर्ट भारत का पहला हाई कोर्ट है। इसके न्यायिक क्षेत्र के अंतर्गत पूरा उत्तरप्रदेश आता है। ब्रिटिश शासनकाल में इसकी स्थापना आगरा में की गई थी। बाद में प्रशासनिक कारणों से इसे इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट का वर्तमान भवन 1950 में...
भगवान हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर बेहद साधारण ढंग से बनाया गया है। यहां के स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि मंदिर में रखी मूर्ति में काफी शक्ति है। एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार एक अमीर व्यपारी ने एक मूर्ति बनाई और उसे अपने साथ लेकर उत्तरी उपमहाद्वीप की ओर...
संगम एक संस्कृत शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मिलना। देखा जाए तो संगम भारत की तीन पवित्र नदियों की मिलन स्थली है। "त्रिवेणी संगम" इसका आधिकारिक नाम है और यहां गंगा, जमुना और लोककथाओं के अनुसार सरस्वती नदी आपस में मिलती है। ऐसा माना जाता है कि सरस्वती नदी...
थॉर्नहिल मेन मेमोरियल भारत में ब्रिटिशकाल की याद दिलाता है। इसका निर्माण उस समय लेजिस्लेटिव एसेंबली की बैठक आयोजित करने के लिए किया गया था। बलुआ पत्थर से बने इस भवन में गौथिक शैली की नक्काशी और डिजाइन भी की गई है। वर्तमान में इसे एक पब्लिक लाइब्रेरी के रूप में...
आनंद भवन का शब्दिक अर्थ होता है- खुशियों का घर। यह नेहरू-गांधी परिवार का पुस्तैनी मकान है, जिसे अब स्वराज भवन के नाम से जाना जाता है। स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू ने जब इस मकान को खरीदा था तब यह एक बुचड़खाना हुआ करता था।...
दिवारों से अच्छी तरह से घिरा खुसरो बाग इलाहाबाद जंक्शन के करीब ही है। यहां मुगल बादशाह जहांगीर के परिवार के तीन लोगों का मकबरा है। ये हैं- जहांगीर के सबसे बड़े बेटे खुसरो मिर्जा, जहांगीर की पहली पत्नी शाह बेगम और जहांगीर की बेटी राजकुमारी सुल्तान निथार बेगम।...