ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर के बाद कटारमल सूर्य मंदिर सूर्य भगवान को समिर्पत देश का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। अल्मोड़ा शहर से 16 किमी दूर स्थित यह मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। मंदिर का परिसर 800 साल पुराना है, जबकि मुख्य मंदिर 45 छोटे-छोटे मंदिरों से घिरा...
ब्राइट एंड कॉर्नर से सूर्योदय, सूर्यास्त और चांद के निकलने का जादुई नजारा देखा जा सकता है। अल्मोड़ा से 2 किमी दूर स्थित यह जगह बेहद चर्चित पर्यटन स्थल है। यहां से बर्फ से ढकी चोटियों के पीछे से सूरज को निकलते और फिर बर्फीली चोटियों के आगोश में सूरज को समाते देखना...
अल्मोड़ा घूमने वाले पर्यटक यहां ट्रेकिंग का भी जमकर आनंद उठाते हैं। यह जगह ट्रेकर्स को अल्मोड़ा की 5 किमी लंबी पहाड़ियों पर बेहतरीन ट्रेकिंग रूट उपलब्ध कराता है। इनमें अल्मोड़ा से जागेश्वर का ट्रेकिंग रूट सबसे ज्यादा मनोरम है। इस रास्ते पर हरे भरे घास के मैदान और...
शॉपिंग की दृष्टि से लाल बाजार अल्मोड़ा का सबसे पसंदीदा स्थान है। यहां कई किस्म की स्वादिष्ट मिठाइयों के अलावा तांबे और पीतल से बनी चीजें उचित मूल्यों पर मिलती हैं। खरगोश के बाल से बने ऊनी कपड़े यहां का मुख्य आकर्षण हैं। यह कपड़े काफी मुलायम और गर्म होते हैं और...
45.59 वर्ग किमी में फैला बिनसर वन्यजीव अभयारण्य यहां का प्रमुख पर्यटन स्थल है। अल्मोड़ा शहर से 30 किमी में बना यह अभयारण्य समुद्र तल से 900 मीटर से लेकर 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह जगह तेंदुआ, कस्तूरी मृग, जंगली बिल्ली, चितराला, लोमड़ी, लंगूर, बंदर,...
अल्मोड़ा जिले में स्थित बिनसर एक पर्यटन स्थल के रूप में काफी लोकिप्रय है। भगवान शिव को बिनसर देव के नाम से भी जाना जाता है और उन्हीं के नाम पर इस जगह का नामकरण हुआ है। हिमालय पर्वतमालाओं की पृष्ठभूमि में बसा बिसनर कभी गर्मियों में चंद राजाओं की राजधानी हुआ करता...
यह जगह भी पिकनिक के लिए काफी प्रसिद्ध है, जो अल्मोड़ा से 10 किमी दूर है। घने हरे भरे जंगल और बगीचे से इसकी सुन्दर और भी बढ़ जाती है, जिससे यहां कई विदेशियों ने अपने घर बना लिए हैं। यहां पहुंचने के लिए पनुवानौला से पैदल यात्र करनी पड़ती है।
अल्मोड़ा में माउंटेन बाईकिंग का भी खूब क्रेज है। हालांकि यह बिल्कुल नया कॉनसेप्ट है, फिर भी यह पर्यटकों को खूब रिझाता है। यहां बाईकिंग के कई सुगम मार्ग भी है। पर्यटक बाईक और अन्य जरूरी सामान किराए पर ले सकते हैं। यहां कई ऐसे टूर ऑपरेटर हैं, जो अल्मोड़ा और आसपास के...
कुमाऊं क्षेत्र के पवित्र स्थलों में से एक नंदा देवी मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है। इस मंदिर का इतिहास 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। कुमाऊंनी शिल्पविधा शैली से निर्मित यह मंदिर चंद वंश की ईष्ट देवी को समिर्पत है। इसका निर्माण शिव मंदिर के बाहरी दलान पर किया...
अल्मोड़ा से 3 किमी दूर स्थित सिमतोला घने हरे देवदार और सरो के पेड़ों से घिरा हुआ है। काफी समय पहले इस जगह ग्रेनाईट का पहाड़ हुआ करता था और यहां हीरे के खदान थे। पिकनिक मनाने के लिए यह जगह काफी प्रसिद्ध है और यहां से देवदार के पेड़ों से ढंके पहाड़ का खूबसूरत नजारा...
अल्मोड़ा से 5 किमी दूर स्थित कसार देवी मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। स्थानीय लोगों की माने तो दूसरी शताब्दी में बना यह मंदिर 1970 से 1980 की शुरुआत तक डच संन्यासियों का घर हुआ करता था। चूंकि यह मंदिर हवाबाघ की सुरम्य घाटी में स्थित है, इसलिए यह जगह पिकनिक के...
अल्मोड़ा से 3 किमी दूर नारायण तिवारी देवाई (एनटीडी) में स्थित हिरन पार्क की ओर भी पर्यटक खूब आकर्षित होते हैं। घने हरे देवदार के पेड़ों से घिरी यह जगह कई जीव जंतुओं के लिए प्राकृतिक आवास है। यहां हिरन, तेंदुआ और हिमालय के काले भालू बखूबी देखे जा सकते हैं। फुर्सत...
माल रोड पर स्थित गोविन्द बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय भी भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पुरातत्व से सम्बंधित सामिग्रयों का विशाल संकलन है। इस संग्रहालय में कत्यूरी और चंद वंश से सम्बंधित लेख भी देखे जा सकते हैं। इसके अलावा...
चैती मंदिर के नाम से प्रसिद्ध चित्तई मंदिर अल्मोड़ा से 6 किमी दूर है। यह मंदिर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणकि भगवान और शिव के अवतार गोलू देवता को समिर्पत है। ऐसी मान्यता है की इस मंदिर का निर्माण चंद वंश के एक सेनापति ने 12वीं शताब्दी में करवाया था।
पहाड़ी पर...