मोन - कोन्याक्ष या टैटू योद्धाओं की भूमि
एक साहसिक यात्रा कई लोगों के लिए जिन्दगी भर की याद होती है, उनका अनोखा अनुभव होती है और वहीं कई उत्साही लोगों के लिए यह एक मानवविज्ञान हॉटस्पॉट होता है, अगर आप......
जोरहाट - चाय बागानों से घिरा शहर
जोरहाट, असम के प्रमुख शहरों में से एक है और राज्य के उत्तरी भाग में अपनी सामरिक स्थिति के कारण यह ऊपरी असम और नागालैंड राज्य के लिए एक प्रवेश द्वार बना देता है।......
जाइरो पर्यटन – प्रकृति की जबरदस्त सुन्दरता की यात्रा
अरूणाचल प्रदेश के सबसे प्रचीन शहरों में से एक, जाइरो एक छोटा सा हिल स्टेशन है जो धान के खेतों से घिरा रहता है और चीड़ के सुन्दर पेड़ों के बीच स्थित है। पूरे क्षेत्र में फैले घने......
रोइंग - प्रकृति के सौंदर्य में बसे खूबसूरत रास्ते
रोइंग, हरी - भरी घाटियों और करामती पहाडि़यों वाला पर्यटन स्थल है जो अरूणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग वैली जिले का मुख्यालय है। यह अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग का एक......
डिब्रूगढ़ - चाय के बागानों का स्थल
डिब्रूगढ़ शहर अपने आप में एक सौंदर्य है, जिसके एक तरफ छल-छल करती हुई गिरती ब्रह्मपुत्र नदी तो दूसरी ओर शहर के किनारों पर हिमालय की शृंखलाएं नीचे की ओर जाती हुई दिखाई देती......
मियाओ – निस्तब्धता को दर्शाती एक जगह
असम बोर्डर से 25 किलोमीटर की दूरी पर एक क्षेत्र है ‘मियाओ’, यह चांगलांग जिले का एक उप-संभाग है। मियाओ उत्तर-पूर्वी भारत का सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र होने के......
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान – उत्तर पूर्व में वन्य जीवन की खोज
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। संपूर्ण पूर्वी हिमालय जिसे जैव विविधता का हॉट स्पॉट घोषित किया गया है, का नमदाफा सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र......
सिबसागर - लंबे समय तक रहा अहोम की राजधानी
सिबसागर को शिवसागर के नाम से भी जाना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है- भगवान शिव का समुद्र। असम की राजधानी गुवाहाटी से 360 किमी दूर स्थित सिबसागर इसी नाम के जिले का जिला......
पेके टाइगर रिजर्व
पेके टाइगर रिजर्व अरुणाचल प्रदेश में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। यह पूर्वी कामेंग जिले में स्थित है तथा लगभग 862 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह खेलांग वन प्रभाग......
ईटानगर – ऑर्किड राजधानी में आदिवासी चटकीले रंगों का एहसास
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर हिमालय की तलहटी में स्थित है। यह पापुमपरे जिले के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में आता है और 20 अप्रैल 1974 से राजधानी के रूप में रहा है। यह भारत के......
पासीघाट - अरुणाचल प्रदेश का सबसे पुराना शहर
पासीघाट, जिसे अरुणाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है, इस राज्य का सबसे पुराना शहर है। पासीघाट को 1911 में, अंग्रेजों ने स्थापित किया था, जो आज पूर्वी सियांग जिले के......
तेजू - खूबसूरत वादियों और नदियों का शहर
अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले में स्थित तेजू एक छोटा सा कस्बा है। यह अपनी खूबसूरत वादियों और नदियों के लिए जाना जाता है। मिशमि जनजाति के लोग यहां के प्राचीन बाशिंदे हैं। इस......