क्लॉक टॉवर अलवर में चर्च रोड पर एक स्मारक है। टावर के शीर्ष पर एक बड़ी चार पक्षीय घड़ी है जिसे बहुत दूर से देखा जा सकता है और यह पर्यटन का मुख्य आकर्षण है। टावर के निचले हिस्से में सुंदर वास्तुशिल्प संरचनाएँ हैं जबकि मध्य भाग में कुछ लोकप्रिय देशभक्ति नारे हैं। यह...
कलाकंद बाज़ार खरीददारों के लिए एक आनंद है जो मुँह में पानी लाने वाले मीठे व्यंजनों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस बाज़ार में कई विभिन्न गलियाँ है जिनके नाम इनमें मिलने वाले प्रसिद्ध व्यंजनों के नाम पर रखे गये हैं। पर्यटक आस पास की दुकानों में आकर्षक हस्तकला एवं...
मूसी महारानी की छतरी ऐतिहासिक महत्व का एक प्रमुख स्मारक है। इस दुमंजिला भवन का निर्माण विनय सिंह ने महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी के सम्मान में ईसा पश्चात वर्ष 1815 में करवाया था। इस स्मारक की वास्तुकला की भव्यता इस स्मारक को शानदार दृश्य प्रदान करती है।...
सागर झील सिटी पैलेस के पीछे स्थित है।इसका निर्माण ईसा पश्चात 1815 में हुआ था। इस सुंदर झील को नहाने के पवित्र घाट के रूप में माना जाता है। इस झील के किनारे पूजनीय और पवित्र हैं और भूमि का उपयोग श्रद्धालुओं द्वारा कबूतरों को खिलाने की पारंपरिक प्रथा के लिए किया...
सिटी महल जिसे विनय विलास महल भी कहा जाता है, अलवर शहर का एक भव्य महल है जो महाराजाओं की प्रतापी जीवन शैली की एक झलक प्रस्तुत करता है। इस भव्य स्मारक का निर्माण राजा बख्तावर ने ईसा पश्चात 1793 में करवाया था। इस महल का एक जीवंत इतिहास है। अनेक प्रसिद्द मुगल राजा...
फतेह जंग के मकबरे को फतेह जंग की गुंबज के नाम से भी जाना जाता है, जो अलवर में स्थित एक मुख्य पर्यटक आकर्षण है। यह स्मारक फतेह जंग, मुगल सम्राट शाहजहां के एक मंत्री को समर्पित है। इस भवन में पांच मंजिलें है और और इसका डिजाइन मुगल और राजपूत स्थापत्य शैली के एक...
बाला किला जिसे अलवर किले के नाम से भी जाना जाता है, अलवर शहर में एक पहाड़ी पर स्थित है। इस किले का निर्माण ईसा पश्चात वर्ष 1550 में हसन खान मेवाती ने करवाया था। यह स्मारक अपने चिनाई के माक और भव्य संरचनात्मक डिज़ाइन के लिए प्रसिद्द है।
यहाँ छह प्रमुख द्वार...
नालदेश्वर, अलवर शहर से 24 किमी दूर दक्षिण में स्थित है। यह सुरम्य गांव अपने प्राचीन महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह पत्थर की चोटियों और सुंदर हरियाली से चारों ओर से घिरा हुआ है। इस मंदिर में एक प्राकृतिक शिवलिंग है जिसकी बड़ी संख्या में भक्त वर्ष भर पूजा करते...
राजकीय संग्रहालय अलवर के इतिहास की झलक प्रदान करता है। यह सिटी पैलेस के अंदर स्थित है। इस संग्रहालय में ताड़ के पत्तों पर चित्रों और लेखन का एक दुर्लभ संग्रह प्रदर्शित किया गया है। पर्यटक यहाँ प्राचीन शाही हथियारों, फारसी और संस्कृत पांडुलिपियों, संगीत वाद्ययंत्र,...
कंपनी बाग़ एक सुंदर उद्यान है, हरियाली और आकर्षक लॉन इसका गौरव है एवं यह चारों ओर से सैर करने वाले विशाल स्थानों से घिरा हुआ है। यह अलवर के ध्यान आकर्षित करने वाले स्थलों में से एक है। इस बाग़ को राजा शिव दान सिंह ने ईसा पश्चात 1868 में बनवाया था।
देश के...
त्रिपोलिया एक उत्कृष्ट वास्तुशिल्प कृति है जिसका निर्माण ईसा पश्चात 1417 में योद्धा सुबेर पाल की याद में किया गया। यह एक चपटी गुंबददार संरचना है जिसके प्रत्येक ओर उल्लेखनीय द्वार हैं। यह स्मारक अलवर के व्यस्त क्षेत्र में है। इसके उत्तर में मुंशी बाज़ार, दक्षिण में...