यह झरना, पापनाशम शिव मंदिर में पास में स्थित है जो 4 किमी. की ऊंचाई से एक पहाड़ी से बहता है। इस झरने की लम्बाई 100 मीटर है और पापनाशम मंदिर स यहां तक पर्यटक ट्रैकिंग करके पहुंच सकते है। माना जाता है कि इस झरने में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते है और...
पापनाशम बांध का निर्माण 1942 में किया जाता है जो पश्चिमी घाट के पोथाई हिल्स में स्थित है। यह बांध, पापनाशम झरने के पास स्थित है जो तामीरवारानी नदी के तट पर बहता है। यह स्थान पवित्र माना जाता है, क्योंकि ऐसा मानते है कि भगवान शिव और माता पार्वती, संत...
पापनाशम पापनाशर मंदिर, तिरूनेवेली जिले में स्थित सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह मंदिर पापनाशम नाम के एक छोटे से गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। माना जाता है कि इस मंदिर का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि यहां पास में स्थित...
विक्रमसिंगपुरम को वी के पुरम के नाम से भी जाना जाता है जो अगस्तीयार झरने के पास में स्थित है। इस स्थान को यहां कई जाति और समुदाय के लोगों के एक साथ प्रेम से रहने के कारण जाना जाता है। इस स्थान पर कई मंदिर और चर्च स्थित है जैसे - सिवान मंदिर,...
थामीराबारानी नदी, अम्बासमुद्रम शहर के बाहरी इलाके में बहती है। यह नदी मूल रूप से पश्चिमी घाट से निकली है और तिरूनेवेली और तुतिकोरिन जिले से होकर बहती है। इस नदी का नाम तमिरान से लिया गया है जिसका अर्थ होता है - कॉपर। इस नदी में धात्विक गुण पाएं जाते है और कहा...
मेनासेवल मंलिंगानेश्वर मंदिर, मेलासेवल में स्थित है और यह मनासेवल नवानीथ्थकृष्ण मंदिर मंदिर से ज्यादा दूरी पर स्थित नहीं है। यह मंदिर एक गांव में स्थित है। इस गांव में तीन प्रमुख मंदिर स्थित है जिनमें से यह एक है। इस मंदिर का उल्लेख तिरूनावेली...
करियार बांध, मुंदाथुराई अभयारण्य के परिसर में ही स्थित है जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का विषय है। यहां आकर पर्यटक नाव की सवारी कर सकते है और झरने में स्नान भी कर सकते है। इस झरने के पानी में कई औषधीय गुण मौजूद है। इस पानी में कई घडियाल भी रहते है।
मणिमुथ्थार बांध और झरना एक जल स्त्रोत है जो पोडीगाई हिल्स पर स्थित है। इस स्थान की सुंदरता देखते ही बनती है और यह स्थानों आसपास पहाड़ों से घिरा हुआ है और समुद्र से मिलता हुआ लगता है। इस स्थान का हर दृश्य दिल थाम लेने वाला होता है। यह...
मुंदाथराई - कलाकड टाइगर रिजर्व कुल 800 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला हुआ है जिसे 1988 में राष्ट्रीय टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यह अभयारण्य, पश्चिमी घाट के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। यहां टाइगर के अलावा, पैंथर, जैकॉल, हाइन्स, जंगली...
मंजोलाई हिल्स एक हिल स्टेशन है जो चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। इस हिल्स की ऊंचाई 1162 मीटर है। इस इलाके में चाय क कई बागान है। इस पहाडी में काक्कची और नालूमुक्कु प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
मेलासेवल वेनुगापालास्वामी मंदिर, मेलासेवल गांव में स्थित तीन मंदिरों में से एक है। दूसरे अन्य मंदिरों की तरह इस मंदिर को भी तिरूनावेली जिले में 1781 के बाद शामिल किया गया।