अम्बासमुद्रम, तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले में स्थित एक छोटा सा खूबसूरत शहर है। यह शहर पश्चिमी घाट की तलहटी पर स्थित है और तमीराबारानी नदी यहां से होकर गुजरती है। इसका पड़ोसी शहर कल्लीदाईकुरिची है जो नदी के दूसरी ओर बसा हुआ है। इस प्रकार, यह शहर प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली से भरा हुआ है। अम्बासमुद्रम को विलानकुरीचि के नाम से जाना जाता है।
अगस्तीयार के नाम से भी इस स्थान को कुछ लोग जानते है क्योंकि संत अगस्तीयार ने कई हजार साल पहले तमिल भाषा के लिए काफी योगदान दिया था। अम्बासमुद्रम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है - अंबा और समुंदर। इस स्थान का नाम, यहां की जल सुंदरता के कारण रखा गया है। यहां कई सुंदर मंदिर भी स्थित है।
अम्बासमुद्रम और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
इस शहर को यहां की लकड़ी पर की जाने वाली सुंदर नक्काशी और हस्तशिल्प के कारण जाना जाता है। इस शहर में विभिन्न मंदिर और चर्च स्थित है। इस शहर में पापनाशम पापनाशर मंदिर, मेलासेवाल नवनीथाकृष्ण मंदिर, मेलासेवल मेगालिंगेश्वर मंदिर,मेलासेवल वेनोगोपालास्वामी मंदिर आदि स्थित है।
हालांकि, इस जगह का मुख्य आकर्षण यहां स्थित मुंदाथुराई - कालाकड़ टाइगर रिजर्व है। इस जगह, आदि माह में साल में एक बार मनाया जाने वाला त्यौहार पंरपरागत दरबार भी पर्यटकों को लुभाता है। इसके अलावा, पर्यटक यहां स्थित पापनाशम बांध, अगस्तीयार झरना, मणिमुथ्थार बांध और झरना, कराईयार बांध, मंजोलाई हिल्स और विक्रमसिंहपुरम आदि की सैर भी कर सकते है।
पर्यटक, अम्बासमुद्रम की सैर के दौरान '' काई मुरूक्कु '' अवश्य देखें और यहां से पाई नाम की घाट मैट भी जरूर खरीदें। यहां आकर पर्यटक वन्यजीव अभयारण्य में चिडि़यां भी निहार सकते है और ऐतिहासिक वास्तुकला को भी देख सकते है।
अम्बासमुद्रम तक कैसे पहुंचे
अम्बासमुद्रम तक मदुरई या त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट द्वारा आसानी से पहुंचा सकता है। यहां चेन्नई रेलवे स्टेशन से भी आसानी से पहुंच जा सकता है। तिरूनेवेली से बस की सहायता से भी अम्बासमुद्रम तक पहुंचा जा सकता है।
अम्बासमुद्रम का मौसम
अम्बासमुद्रम का मौसम साल भर गर्म और आर्द्र रहता है। हालांकि, यहां मानसून के बाद का भी समय काफी सुहाना होता है। सितम्बर से मार्च के दौरान यहां की सैर पर आया जा सकता है क्योंकि इस दौरान तापमान काफी कम रहता है।