पंजाब में स्थित अमृतसर सिक्ख समुदाय का अध्यात्मिक और सांस्कृतिक केन्द्र है। यह उत्तर-पश्चिम भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक है। इस शहर की स्थापना 16वीं शताब्दी में चौथे सिक्ख गुरू, गुरू रामदास जी ने किया था और इसका नाम यहां के एक पवित्र तालाब अमृत सरोवर के नाम पर पड़ा। 1601 में गुरू रामदास जी के उत्तराधिकारी गुरू अर्जुन देव जी ने अमृतसर का विकास किया। उन्होंने यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा किया, जिसकी शुरुआत गुरू रामदास जी ने की थी।
1947 के बंटवारे से पहले अमृतसर अविभाजित पंजाब का व्यापारिक और वाणिज्यिक महत्व का शहर था। हालांकि विभाजन के बाद अमृतसर सीमांत शहर बन गया और इसकी पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से लगती है। आज इस शहर की व्यापारिक गतिविधियां सिर्फ कार्पेट व फैब्रिक, हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, सर्विस ट्रेड और छोटे मशीन व उपकरण तक ही सीमित हो कर रह गई हैं। पर्यटन इस क्षेत्र की एक प्रमुख व्यवसायिक गतिविधि है।
अमृतसर और आसपास के पर्यटन स्थल
अमृतसर में कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे हैं। इनमें से हरमंदिर साहिब सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक आस्था का महत्वपूर्ण केन्द्र होने के कारण यहां विश्व के अलग-अलग हिस्से से हर दिन करीब एक लाख पर्यटक आते हैं। खासला के टेंपोरल अथॉरिटी का सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त भी इस भव्य मंदिर के परिसर में ही स्थित है। इसके अलावा अमृतसर के अन्य तीर्थ स्थलों में बिबेकसर साहिब, बाबा अटल साहिब, रामसर साहिब और संतोखसर साहिब शामिल है।
सिक्खों का प्रमुख तीर्थस्थल होने के अलावा अमृतसर के खाते में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक बेहद दुखद घटना भी दर्ज हैं। 1919 में यहां जलियांवाला बाग में भीषण नरसंहार हुआ था। इसमें मारे गए लोगों को श्रद्धांजली देने के लिए यहां स्मारक भी बनाए गए हैं। अन्य ऐतिहासिक धरोहरों में यहां महाराजा रणजीत सिंह म्यूजियम, खैरउद्दीन मस्जिद, भटिंडा किला, सारागढ़ी मेमोरियल और गोविंदगढ़ किला शामिल है, जो अंग्रेजी शासन के खिलाफ सिक्खों के वीरतापूर्ण संघर्ष को दर्शाते हैं।
भारत पाकिस्तान सीमारेखा पर स्थित सैनिक चौकी को वाघा बॉर्डर के नाम से जाना जाता है। यहां होने वाले परेड पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इतना ही नहीं, अमृतसर शहर में दुर्गियाना मंदिर, मंदिर माता लाल देवी, इस्कॉन मंदिर, हनुमान मंदिर और श्री राम तीर्थ मंदिर सहित ऐसे कई मंदिर हैं, जो हिंदू श्रद्धालुओं के बीच काफी पूजनीय हैं। कैसर बाग, रामबाग, खालसा कॉलेज, गुरूनानक देव यूनिवर्सिटी, तर्ण तारण और पुल कंजारी अमृतसर और आसपास के कुछ अन्य पर्यटन स्थल हैं।
कैसे पहुंचें
पंजाब का महत्वपूर्ण शहर होने के नाते भारत के प्रमुख हिस्सों और विदेशों से यहां हवाई, रेल और सड़क मार्ग के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां श्री गुरू रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है और अमृतसर रेलवे स्टेशन इस शहर को देश के सभी प्रमुख हिस्सों से जोड़ता है। ग्रांड ट्रक रोड (एनएच-1) पर बसे होने के कारण आप बस और टैक्सी के जरिए भी अमृतसर आसानी से पहुंच सकते हैं।
घूमने का सबसे अच्छा समय
पश्चिमोत्तर भारत के अन्य शहरों की तरह अमृतसर में गर्मी, बरसात और ठंड के तीन प्रमुख मौसम होते हैं। वैसे तो आप पूरे साल में कभी भी अमृतसर घूमने जा सकते हैं, पर अक्टूबर की शुरुआत से लेकर मार्च अंत तक यह शहर घूमना सबसे अच्छा रहता है।