अवंतिपुर जम्मू और कश्मीर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो इसके दो प्राचीन मंदिरों शिव – अवन्तिश्वर और अवन्तिस्वामी – विष्णु के लिये प्रसिद्द है। इन दोनों मंदिरों का निर्माण राजा अवन्तिवर्मन द्वारा 9 वीं शताब्दी के दौरान किया गया। शिव – अवन्तिश्वर मंदिर विनाश के देवता शिव का मंदिर है जबकि अवन्तिस्वामी – विष्णु मंदिर संरक्षण के हिंदू देवता विष्णु का है। इन मंदिरों के निर्माण में अपनाई गई वास्तु शैली यूनानी वास्तु शैली के समान है।
जहाँ है प्राचीन मंदिर
वर्तमान में ये धार्मिक स्थान जीर्ण अवस्था में हैं। शिव– अवन्तिश्वर मंदिर पर एक बार सुलतान सिकंदर ने हमला किया था जिसे बुतशिकन भी कहा जाता था और जिसने इस स्थान पर राज्य भी किया था। इस हमले के कारण इस मंदिर का विनाश हो गया। इसके अलावा इसके निर्माण के लिए इस्तेमाल की गई कच्ची सामग्री समय और प्रकृति के हमले सहन नहीं कर सकी। अंत में ये मंदिर दफन हो गए थे लेकिन बाद में 18 वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा खुदाई करके इन्हें बाहर निकाला गया।
खुदाई के दौरान ब्रिटिश कुछ मूर्तियाँ अपने साथ ले गए। इस मंदिर की कुछ कलाकृतियाँ श्रीनगर में स्थित श्री प्रताप सिंह संग्रहालय में देखी जा सकती हैं।यद्यपि शिव – अवन्तिश्वर मंदिर और अवन्तिस्वामी – विष्णु मंदिर जीर्ण अवस्था में है, इन मंदिरों में देवताओं की कुछ मूर्तियाँ उनके अलग अलग रूपों में, अभी भी देखी जा सकती है।
कैसे जाएं अवंतिपुर
अवंतिपुर की यात्रा की योजना बना रहे यात्री वायुमार्ग, रेलवे या रोडवेज के माध्यम से इस गंतव्य तक पहुँच सकते हैं। अवंतिपुर का निकटतम हवाई अड्डा श्रीनगर हवाई अड्डा है जो गंतव्य से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर है।अवंतिपुर का निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है और यह भारत के सभी प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
पर्यटक बस द्वारा भी गंतव्य तक पहुँच सकते हैं हालांकि अवन्तिपुर के लिये सीधी बस सुविधा उपलब्ध नही है। यात्रियों को पहले श्रीनगर पहुँचना होता है उसके बाद अवंतिपुर जाने के लिये दूसरी बस लेनी पड़ती है। वे पर्यटक जो अवंतिपुर की यात्रा करना चाहते हैं उन्हें ठंडी जलवायु की परिस्थिति से बचने के लिये अप्रैल से नवंबर के बीच यहाँ की यात्रा करनी चाहिए।