बांधवगढ़ पर्यटन में ताला गांव भी महत्वपूर्ण है। यह बांधवगढ़ वाइल्ड लाइफ रिजर्व का सबसे निचला हिस्सा है। इस गांव में कई मिट्टी के घर बने हुए हैं। इस गांव में भी काफी पर्यटक आते हैं और यहां आपको हॉटल व रिसॉर्ट भी मिल जाएंगे। हर साल पूरे विश्व से सैकड़ों पर्यटक यहां...
क्लांबर्स प्वाइंट से बांधवगढ़ नेशनल पार्क का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है। अगर आपको थोड़ा भी एडवेंचर पसंद है तो फिर यह जगह आपके लिए है। क्लाइंबर्स प्वाइंट 13,005 फीट की ऊंचाई पर है और यहां से पूरे पार्क का आसामानी नजारा देखने को मिलता है।
अगर आप बोटनी के...
घारपुरी डैम बांधवगढ़ के बाहरी इलाके में स्थित है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से यह 10 किमी दूर है। अपने निर्माण के लिए प्रसिद्ध इस डैम के आसपास का नजारा लाजवाब हैं। डैम पास बड़ी संख्या में परिंदे इकठ्ठा होते हैं। इन परिंदों में आप काले सारस, धब्बे वाली वागटेल, रेड...
बांधवगढ़ म्यूजियम में इस जगह की गौरवशाली अतीत की झलक देखी जा सकती है। इसमें रीवा के महाराजा से जुड़ी चीजों को सुरक्षित रखा गया है। बांधवगढ़ का बघेल म्यूजियम दरअसल शाही महल है। इसमें रीवा के महाराज के साजो-सामान और उनसे जुड़ी दूसरी चीजों को प्रदर्शनी के लिए...
मध्यप्रदेश के विंध्य पर्वत में फैला बांधवगढ़ नेशनल पार्क बाघों और अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। करीब 400 किमी तक फैले इस पार्क में लहलहाते हुए जंगल, खड़ी चट्टानें और खुले मैदान हैं। पार्क में कई ऐसे स्थान हैं जो टूरिस्ट स्पॉट का काम करते हैं।...
घोराडेमांव जलप्रपात एक प्राकृतिक जलप्रपात है, जो पूरे साल पार्क में बहता है। इसका निर्माण विभिन्न भौगोलिक प्रक्रियाओं से हुआ है। यह बांधवगढ़ रिजर्व का एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। जलप्रपात से पानी गिरने की आवाज और जंगल से आने वाली आवाज का संगम दिल को सुकून पहुंचाने...
समुद्र तल से 807 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बांधवगढ़ पहाड़ इस क्षेत्र का सबसे ऊंचा पहाड़ है। इस पर्वतमाला का निर्माण बलुआ पत्थर और इसमें व्याप्त हुए पानी से हुआ है। यही कारण है कि इस पहाड़ से कई मनोहर झरने और नदी-नाले निकलते हैं। सोन और जोहीला नदी पहाड़ के पूर्वी ओर...
बांधवगढ़ किले का निर्माण कब किया गया, इस संबंध में कोई ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। चूंकि इस किले का विवरण नारद-पंच रात्र और शिव पुराण में मिलता है, इसलिए ऐसा माना जाता है कि यह किला 2000 साल पुराना है। कहने की जरूरत नहीं है कि यह किला एक प्राचीन अवशेष है, जो...
बांधवगढ़ की प्राचीन गुफाएं बांधवगढ़ पहाड़ के बलुआ पत्थर से बनी पहाड़ियों में बनी हैं। इस क्षेत्र में 39 के करीब गुफाएं हैं और इस गुफा से ये 5 किमी के क्षेत्र में फैली हुई है। यहां की कई गुफाओं में ब्राह्मी लिपि में अभिलेख लिखे हुए हैं। वहीं कुछ गुफाओं में बाघ,...
शेष शैय्या भगवान विष्णु की एक 65 फीट लंबी प्रतिमा है। इसी जगह से चरणगंगा नदी की उत्पत्ति होती है। बांधवगढ़ पहाड़ पर स्थित शेष शैय्या बांधवगढ़ नेशनल पार्क का एक मात्र ऐसा स्थान है, जहां आपको पैदल ही जाना होगा। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, भगवान विष्णु यहां सात फन...