बांदीपुर वन संरक्षित क्षेत्र भारत में प्रमुख रूप से बाघ संरक्षित (टाइगर रिजर्व) क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहाँ बाघों की आबादी लगभग 70 है। लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ यह प्रोजेक्ट टाइगर संरक्षित क्षेत्र कर्नाटक के चामराजनगर जिले में स्थित है। यह मैसूर से 80 किलोमीटर और बंगलौर से 220 किलोमीटर की दूरी पर है और आप किसी भी शहर से वाहन द्वारा यहाँ पहुँच सकते हैं।
क्षेत्र, वन्य जीवन और अधिक बांदीपुर का संरक्षित क्षेत्र तमिलनाडु और केरल के आसपास के राज्यों क्रमशः मुदुमलाई और वायनाड में फैला हुआ है। ये संयुक्त रूप से दक्षिण भारत का सबसे बड़ा संरक्षित वन क्षेत्र बनाते हैं। यह संरक्षित नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व का भी एक हिस्सा है जहाँ विश्व प्रसिद्द साइलेंट वेली स्थित है। कबिनी नदी के किनारे स्थित बांदीपुर वन क्षेत्र विभिन्न जंगली प्राणियों जैसे तेंदुआ, जंगली भैस, हिरण की कई प्रजातियों, जंगली हाथियों, जंगली सूअर, सियार आदि को आश्रय भी प्रदान करता है। विभिन्न धाराएँ जो कबिनी नदी में मिलती हैं तथा परिदृश्य के पानी के विभिन्न छेद वन संरक्षित क्षेत्र में रहने वाले सभी निवासियों को भरण पोषण का पर्याप्त आधार प्रदान करते हैं। बांदीपुर के जंगलों में आप दुर्लभ पक्षी जैसे रॉबिन, जंगली मुर्गी, तीतर, मोर और मोरनी, कबूतर और विभिन्न प्रकार के शिकार के पक्षी देख सकते हैं। चन्दन (जिसके लिए यह क्षेत्र प्रसिद्द है), शीशम और सागौन के वृक्ष विभिन्न वन्य प्रजातियों को प्राकृतिक आवास प्रदान करते हैं और यहाँ की वनस्पति इन प्रजातियों को प्राकृतिक आवरण प्रदान करती है। यहाँ कई प्रकार के सरीसृप जो उष्णकटिबंधीय निवासी हैं, जैसे किंग कोबरा, वाईपर, एड्रस और रेट सांप पाए जाते है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की छिपकलियाँ और गिरगिट भी बांदीपुर में पाए जाते हैं।
इस स्थान में वन्यजीवन पर्यटन विकल्प आप सुबह जल्दी या फिर शाम के समय जंगल में सफारी पर जा सकते हैं, जब कई जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी के छिद्रों के पास बाहर आते हैं। सफारी के लिए जीप उपलब्ध होती है या आप वन विभाग के कार्यालय द्वारा चलाई जाने वाली टूर बस का भी उपयोग भी कर सकते हैं। संरक्षित क्षेत्र में निजी वाहन का उपयोग प्रतिबंधित है। यहाँ अनेक लॉज, रिसॉर्ट और होटल हैं जो आवासीय विकल्प प्रदान करते हैं जिससे पर्यटक प्रकृति का पूर्ण आनंद उठा सके।
बांदीपुर के आस पास के पर्यटक स्थल यहाँ आसपास घूमने के लिए अनेक स्थान जैसे गोपालस्वामी बेटा मंदिर और कबिनी बाँध हैं। अगर आप वन्य जीवों के बीच जंगल की सर्द खामोशी में कुछ समय बिताकर एक परिपूर्ण छुट्टी का विचार कर रहें हैं तो कर्नाटक में बांदीपुर आपके लिए लिए सही जगह है।