चुन्ने मियाँ का लक्ष्मी नरायण मन्दिर बरेली के कटरा मामराय क्षेत्र के कोहारापीर नामक स्थान में स्थित है। यह बुधवारी मस्जिद के पास स्थित है। यह वही क्षेत्र है जहाँ भारत के विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आने वाले लोग आकर बसे हैं। लोकप्रिय रूप चुन्ने मियाँ के नाम से...
जिस स्थान पर दूपेश्वरनाथ मन्दिर स्थित है उसका महान ऐतिहासिक तथा धार्मिक महत्व है। यह वही स्थान है जहाँ महाभारत की केन्द्रीय पात्र द्रौपदी और दृष्टाद्युम्न का जन्म भगवान शिव के आशीर्वाद से हुआ था। धर्मग्रन्थों के अनुसार मन्दिर स्थल उस समय और भी पवित्र हो गया जब...
दरगाह-ए-आला-हजरत ही वह धार्मिक स्थान है जिसने बरेली को विश्व विख्यात बनाया है। शहर के सौदागरन मोहल्ले की तंग गलियों में स्थित इस धार्मिक स्थल को मुस्लिम सन्त और विद्वान आलाहजरत इमाम अहमद रज़ा ख़ान की याद में बनवाया गया था।
14 जून सन् 1856 में जन्में इस महान...
भगवान शिव के भक्त कई पंथ, वर्ग, सम्प्रदाय या अखाड़ों में फैले हुये हैं। अखाड़ों के सदस्यों को बाबा कहते हैं। ये अखाड़े उत्तर भारत में पाये जाते हैं। बरेली में ऐसे चार अखाड़े हैं। इनमें से एक आनन्द वर्ग के नागा सन्यासी कहलाते हैं। नागा साधुओं के लिये आखाड़ा ही...
त्रिवेतीनाथ मन्दिर, भगवान शिव को समर्पित चार प्राचीन मन्दिरों में से एक है। यह बरेली शहर के बाहरी हिस्से में स्थित है। भगवान शिव को त्रिवेतीनाथ भी कहते हैं। लोककथाओं के अनुसार, भगवान शिव या त्रिवेतीनाथ ने भविष्यवाणी की कि वे पाँचाल क्षेत्र के घने जंगलों में स्थित...
भारत में फनसिटी नाम के कई मनोरंजक पार्क हैं, लेकिन बरेली का यह पार्क उत्तर भारत में सबसे बड़ा है। सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये पार्क में मनोरंजन की भरपूर सुविधायें उपलब्ध हैं। इसलिये यह न सिर्फ बरेली वासियों के लिये बल्कि पर्यटकों के लिये भी यह आराम फरमाने और साथ...