जाटोली हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में सोलन–रायगढ़ रास्ते पर स्थित है। यह स्थान जाटोली शिव मंदिर के लिये जाना जाता है जो विनाश के हिंदू भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर प्रतिवर्ष शिवरात्रि के समय होने वाले मेले के लिये जाना जाता है।
कारोल टिब्बा बड़ोग जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल है जो सोलन जिले से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है। लोककथाओं के अनुसार जहाँ भारतीय महाकाव्य के पांडवों ने अपने निर्वासन के समय आश्रय लिया था। बड़ी संख्या में प्रकृति प्रेमी और ट्रेकर्स प्रतिवर्ष इस स्थान की यात्रा करते हैं।
स्पेन्सर रेस्टारेंट ब्रिटिश समय से बड़ोग का प्रमुख भोजनालय है। पहले के समय में इस स्थान को हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश ग्राहकों के लिये विभिन्न भागों में बांटा गया था। इस स्थान का सबसे प्रसिद्द व्यंजन कटलेट है। रेस्टारेंट में बैठकर पर्यटक यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता...
चूर चाँदनी चोटी समुद्र सतह से 3650 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और बड़ोग का एक प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है। संपूर्ण क्षेत्र देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है, जो इस स्थान की सुंदरता बढ़ाते हैं। चूर चाँदनी से तात्पर्य है चंद्रमा की रोशनी जो चूरधर पर्वत की एक सुंदर...
बड़ोग कैम्पिंग ग्राउंड कैम्पिंग का स्थान है जो दूर दूर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पर्यटक अपने स्वयं के टेंट बना सकते हैं और देवदार के पेड़ों से घिरे इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता का लाभ उठा सकते हैं। कैम्पिंग ग्राउंड चूर चाँदनी चोटी और सोलन घाटी...
दोलांजी बोन मठ की स्थापना अब्बोट लुन्ग्तोग नईमा ने 1969 में की थी। यह मठ बड़ोग से 5 किलोमीटर की दूरी पर नारग–सराहन रास्ते पर स्थित है। युन्ग्द्रुंग मठ के नाम से भी जाना जाने वाला इस स्थान का प्रबंधन और पोषण युन्ग्द्रुंग बोन मोनास्टिक सेंटर करता है।
धरमपुर स्वर्गवाहिनी मंदिर के किनारे वाघई–वांसदा हायवे पर स्थित है। धरमपुर पर सिसोदिया राजपूतों ने शासन किया और इसलिए यह राजसी विरासत के लिये जाना जाता है। यात्री साल में कभी भी इस स्थान की यात्रा कर सकते हैं। लक्ष्मी नारायण मंदिर, जापानी गार्डन और लेडी...
बड़ोग की कब्र वह स्थान है जहाँ उस व्यक्ति की कब्र है जिसके नाम पर इस शहर का नाम पड़ा। बड़ोग एक इंजीनियर था, जिसे टनल बनाने का काम सौंपा गया था। निर्माण कार्य जल्दी करने के लिये उसने पर्वत के दोनों सिरों से खुदाई करने का आदेश दिया। उसकी गणना में गलती होने के कारण...