बंध बरेठा एक पुराना वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र है। यह भरतपुर शहर से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस रिज़र्व में पर्यटक कुछ शानदार वन्यजीव प्रजातियां जैसे तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीले बैल, जंगली सूअर और बिज्जू देख सकते हैं। इसके अलावा यह वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र...
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भरतपुर का सर्वाधिक प्रसिद्द पर्यटन आकर्षण है। यह पार्क जिसे केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है, का निर्माण लगभग 250 वर्ष पहले महाराजा सूरजमल ने करवाया था। 1964 में जब तक यह उद्यान पक्षी अभयारण्य के रूप में स्थापित नहीं हुआ था तब...
सरकारी संग्रहालय भरतपुर में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यह लोह्गढ़ किले के अंदर स्थित है। यह संग्रहालय भरतपुर की ऐतिहासिक संपत्ति के शानदार संचयन का प्रदर्शन करता है। यह इमारत जो आज एक संग्रहालय है भरतपुर के शासकों का प्रशासनिक खंड हुआ करती थी।
1944 में...
गोपाल भवन कलात्मक रूप से बनी हुई एक इमारत है जिसका निर्माण 1760 में हुआ था। इमारत के प्रवेश द्वार पर एक सुंदर उद्यान है। इमारत के पिछले भाग में गोपाल सागर है जो दो छोटे मंडपों सावन और भादों से बंधा हुआ है। उद्यान के आगे एक उठी हुई छत है जिसमें संगमरमर का एक मेहराब...
भरतपुर महल मुगल और राजपूत स्थापत्य शैली के मिश्रण को दर्शाता है। इस महल के कक्ष के फर्श जटिल डिज़ाइन वाली टाइल्स से सुसज्जित हैं। महल के मुख्य खंड को एक संग्रहालय में बदल दिया गया है जो ईसा पश्चात दूसरी शताब्दी के कुछ अवशेषों को प्रदर्शित करता है। यह संग्रहालय इस...
भरतपुर में स्थोत लोह्गढ़ किला वास्तुशिल्पीय दृष्टि से राजस्थान के सुंदर किलों में से एक है। यह किला जो लोहे के किले के नाम से भी जाना जाता है, महाराजा सूरजमल ने बनवाया था। यह किला अपनी मज़बूत संरचना के लिए जाना जाता है जिसने ब्रिटिश सेना के लगातार कई आक्रमणों को...
भरतपुर शहर के ह्रदय में स्थित बांके बिहारी मंदिर भारत के प्रसिद्द मंदिरों में से एक है। यह शानदार मंदिर हिंदू भगवान कृष्ण को समर्पित है। मंदिर के मुख्य कक्ष में भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी राधा की मूर्ति है। कक्ष की ओर जाने वाले रास्ते में भगवान कृष्ण के बचपन के...
गंगा मंदिर भरतपुर में एक लोकप्रिय मंदिर है। इस मंदिर के निर्माण कार्य का प्रारंभ महाराजा बलवंत सिंह ने 1845 में किया था, हालांकि यह लगभग 90 वर्षों में पूरा हुआ। इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने पर महाराजा बलवंत सिंह के पांचवें उत्तराधिकारी बृजेन्द्रसिंह ने इस...
लक्ष्मण मंदिर भरतपुर का एक प्रमुख तीर्थ है जो माना जाता है कि 400 साल पुराना है। यह मंदिर राजस्थानी स्थापत्य शैली की मिसाल है। इस मंदिर के दरवाज़े, छत, स्तंभ, दीवारें और मेहराब पठार के शानदार काम से सुसज्जित हैं। यह मंदिर भरतपुर शहर के केंद्र में स्थित है और हिंदू...
भरतपुर से 35 किमी. की दूरी पर स्थित डीग किले का निर्माण महाराजा सूरजमल ने 1730 में करवाया था। यह किला डीग शहर में स्थित है जो जाट राजाओं की पूर्व राजधानी था।
किले का केंद्रीय बुर्ज एक बुलंद ऊंचाई पर स्थित है, जिसके चारों ओर एक संकरी नहर है। एक 8 किमी. लंबी...