भटकल उत्तर कर्नाटक के कारवार से 130 कि. मी दूर है। भटकल शहर और इसके बंदरगा दोनों ही बहुत प्राचीन है। भटकल का गौरवशाली इतिहास और उसके सुंदर समुद्री तट इसके आकर्षण का केंद्र है। यह एनएच 17 पर स्थित है और कोंकण रेलवे द्वारा आप भटकल पहुँच सकते हैं।
भटकल का इतिहास
भटकल पर कई शासन कारों ने राज किया। जैसे कि होयसला राजवंश, विजयनगर साम्राज, सलुव राजवंश और चोला राजवंश। इन सभी ने अपने अपने शासन की छाप भटकल पर छोड़ी है। टीपू सुल्तान ने अंत तक भटकल पर शासन किया। भटकल पर पुर्तगाली भी अपनी गहरी छाप छोड़ गए हैं। इसलिए भटकल का इतिहास बहुत ही रोचक है।
भटकल के अन्य पर्यटक स्थल
यहाँ देखने लायक कई मंदिर, मस्जिद और जैन बस्दियाँ हैं। इन में से प्रसिद है, जामा मस्जिद, खलिफा मस्जिद और नूर मस्जिद। केतपैया नारायण यहाँ का प्रसिद्ध मंदिर है। सैलानियों को यहाँ का समुद्री तट और सूर्यास्त बहुत लुभाता है। इन सभी के कारण भटकल अपनी एक अलग छवि बनाता है।
कैसे जाएं भटकल
भटकल जाने के लिए रोड मार्ग और रेल मार्ग की सेवा उपलब्द है। मेंगलौर हवाई अड्डा भटकल के लिए सब से नजदीकी हवाई अड्डा है।
भटकल जानें का सबसे अच्छा समय
यहाँ मौसम अगस्त से लेकर अक्तूबर तक बहुत सुहाना होता है, जिसके कारण यहाँ पर्यटकों की संख्या ज्यादा होती है।