1891 में बना भटकल लाइट हाउस छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। यह भटकल नदी की दक्षिणी ओर है, ओर भटकल किले के पास है। यह सफ़ेद पत्थर से बना चिनाई मीनार है। 1936 में आए तूफ़ान के कारण इस मीनार को एक लाइट हाउस में तब्दील कर दिया गया। तब से यहाँ ज्यादा रोशंदर लालटेन जलाई जाती है। 1956-58 के दौरान, इस में एक नया प्रकाश कमरा और कोहरा संकेत भ्रमित दीवार स्थित की गई। 21 मार्च 1998 में पुराने दीपक की जगह एक नया धातु हेलिड ने ले ली। इसकी इस खूबियों के कारण यह यात्रियों के आकर्षण का केंद्र है।