राजा रघुनाथ सिंह ने इस शानदार मन्दिर को मखरला की ईंटों से 16वीं शताब्दी में बनवाया था। पक्की मिट्टी की शैली इस मन्दिर पर हावी है और दीवारों पर संस्कृति, धर्म और संघर्ष की कहानियाँ लिखी गई हैं। इसके अलावा आप कुछ अमूर्त और ज्यामितीय आकारों को भी देख सकते हैं जो शायद...
मदनमोहन मन्दिर क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध मन्दिर है और इसे 16वी शताब्दी में राजा दुर्जन सिंह देव ने अपने पारिवारिक आराध्य भगवान कृष्ण और राधा के सम्मान में बनवाया था। आप मन्दिर के पवित्र रथ शैली वास्तुकला तथा इसकी दीवार पर अंकित रामायण और महाभारत जैसे हिन्दू धार्मिक...
बिहारीनाथ नाम यहाँ पर स्थित एक मन्दिर के कारण पड़ा है जहाँ पर हर वर्ष भारी संख्या में श्रृद्धालु आते हैं। यह मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है और एक अलग की प्रकार का परिवेश और वातावरण प्रस्तुत करता है जोकि काफी शांत होता है और शहर की आपाधापी तथा शोरगुल से स्वागतयोग्य...
पाँच चोटियों वाला यह मन्दिर वास्तव में पक्की मिट्टी की कला को प्रदर्शित करता है। यह 16वी शताब्दी में महाराजा रघुवीर सिंह द्वारा निर्मित किया गया था। इसकी पाँच चोटियाँ बिल्कुल अलग हैं और इसे अनोखे रूप में महान बनाती हैं क्योंकि आसपास के किसी भी मन्दिर में यह देखने...
पक्की मिट्टी के पिरामिड जैसे स्तम्भों से बने इस संरचना को छोड़ पाना मुश्किल होता है। रसमंचा बिष्णुपुर का सबसे पुराना ईंटों से बना मन्दिर है और इसमें भगवान कृष्ण की प्रतिमा और ग्रन्थ पाये जाते हैं। यहाँ पर रश महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है और पक्की मिट्टी से...