जैन धर्म के अनुनायीयों का मानना है की चौबिसों तीर्थंकरों में से ये मंदिर सबसे बड़ा है और इसकी जैन धर्म में बड़ी महत्तवता है। ये मंदिर बोरदी गाँव के एक हिस्से प्रभादेवी में आता है।
जैन धर्म के अनुसार मालीनाथ जैन तीर्थ कोसबाद मंदिर भगवान ऋषभ या फिर आदिनाथ के...
बोरदी शहर से 8 किमी. दूर बरहोट हिल्स और बरहोट गुफाएं स्थित है। इन गुफाओं का पारसी धर्म में धार्मिक महत्व है।कहा जाता है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों से बचने के लिए, बहादुर और शक्तिशाली पारसी पूर्वजों ने 13 साल इस गुफा में शरण ली थी। उस दौरान इन...
17 किमी. में फैला यह क्षेत्र बोरदी बीच के नाम से जाना जाता है जो कि शांत और मनोरम है। यहां के बीच में तैराकी की परमिशन है।
इस तट की कोई भी चीज कृत्रिम रूप से नहीं सजाई गई बल्कि यहां के नेचुरल व्यू को बाकी जगह कॉपी किया जाता है।
यह बांध गांव की बड़ी झीलों पर बनाया गया है। इसके आसपास की हरियाली में समय बिताना आपके जीवन की यादों और स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहतर होगा।
इस बांध को मिस्त्र के महान पिरामिड के आकार की तरह बनाया गया है जो 1160 फुट लंबा और 78 फुट ऊंचा है।परिवार के साथ पिकनिक मनाने की यह शानदार जगह आना कतई न भूलें।
वृन्दावन स्टूडियो बोरदी गाँव से 10 किलोमीटर की दूरी पर उम्बेर गांव में स्थित है। इस स्टूडियो की स्थापना 1975 में की गयी थी।
ये स्टूडियो 4 एकड़ के क्षेत्र में फैला है साथ ही यहाँ कई प्रमुख और लोकप्रिय धारावाहिकों की शूटिंग हो चुकी है जिनमें रामायण और...
यह गार्डन बोरदी से 10 किमी. दूर एक गांव उमरगांव में स्थित है। यहां की हरियाली आपका मन मोह लेगी।टीवी पर दिखाया जाने वाला प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण इसी गार्डन में शूट किया गया था।
नदी के किनारे पर बना यह किला 38 फुट लंबा और 10 फीट मोटा है। माना जाता है कि 1739 ई. में चिमाजी अप्पा राव के नेतृत्व में मराठाओं ने इस किले पर कब्जा कर लिया था।
बाद में इस किले को ब्रिटिश बेसिन संधि के तहत इस जेल में परिवर्तित कर दिया गया...