उत्तराखंड के पिठोड़गढ़ जि़ले में समुद्रतल से 2010 मी. ऊपर स्थित चौकोरी एक सुंदर हिल स्टेशन है। पश्चिमी हिमालय की पर्वतश्रंखला के पास स्थित यह जगह उत्तर में तिब्बत और दक्षिण में तराई से घिरी है। यह अद्भुत स्थान देवदार, बांज और रोडोडेंड्रोन के जंगलों से ढका हुआ है। मक्का के आकर्षक खेत और फलों के बाग इस जगह की सुंदरता को बढ़ाते हैं।
क्या ख़ास है चौकोरी के आस पास
चौकोरी में अनेक ऐतिहासिक मंदिर स्थित हैं। बेरीनाग गाँव में स्थित नागमंदिर एक प्रमुख तीर्थ है। ऐसा माना जाता है कि यह नागमंदिर नागवेणी राजा बेनीमाधव द्वारा बनवाया गया था। यहाँ आने वाले यात्री समुद्रतल से 1350 मी. ऊपर स्थित पटल भुवनेश्वर भी देख सकते हैं। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर तक एक सुरंगनुमा गुफा से होकर पहुँचा जा सकता है।
चौकोरी , महाकाली मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जो कि भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। आदिगुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर को शक्तिपीठ बनाने के लिए चुना था जो कि हिंदु धर्म की देवी काली को समर्पित है। यहाँ आने वाले यात्री उल्का देवी का मंदिर भी देख सकते हैं जो पिथौरागढ़-चंडक मोटर मार्ग पर टूरिस्ट रेस्टहाउस के पास स्थित है। घनसेरा देवी मंदिर में विभिन्न भगवानों की पत्थर पर बनी सुंदर नक्काशी देखी जा सकती है। कामाक्ष मंदिर और केदार मंदिर चौकोरी के अन्य प्रसिद्ध तीर्थ हैं।
कैसे जाएं चौकोरी
यात्री यहाँ तक वायुमार्ग, सड़कमार्ग तथा रेलमार्ग से पहुँच सकते हैं। पंतनगर हवाईअड्डा चौकोरी का निकटतम एअरबेस है। नई दिल्ली का इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा यहाँ से निकटतम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन यहाँ से निकटतम रेलवे स्टेशन है जहाँ से चौकोरी के लिए टैक्सी ली जा सकती है। अधिकतर बड़े शहरों के लिए यहाँ से बसें उपलब्ध होती हैं।
चौकोरी आने का सबसे अच्छा समय
इस सुंदर हिल स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को गर्मियों अथवा सर्दियों के शुरुआती महीनों में आने का सुझाव दिया जाता है।