महाकाली मंदिर, गंगोलीहट में स्थित सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल है(चौकोरी से 35कि.मी. दूर)। आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा इस स्थान को महाकाली शक्तिपीठ के लिए चुनने के बाद यह मंदिर अधिक विशिष्ट हो गया। देवी को प्रसन्न करने के लिए भक्त यहाँ बकरों और मेमनों की बलि देते हैं...
घनसेरा देवी मंदिर पहाड़ी के ऊपर बनी घनसेरा गुफाओं में स्थित है। इसी के पास असुरचुला मंदिर भी स्थित है। इन मंदिरों में विभिन्न देवी-देवताओं की पत्थर से बनी अनेक मूर्तियाँ हैं। मान्यताओं के अनुसार, पत्थर की ये मूर्तियाँ कार्तिकेय पुर के खेल राजाओं द्वारा स्थापित की...
बेरीनाग का नागमंदिर, बेरीनाग गाँव में स्थित एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह नागमंदिर पेड़ों और छोटी घाटियों से घिरा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि 14वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के पंत यहाँ बसने के लिए आए थे तथा इस जगह पर उन्होंने बड़ी संख्या में विभिन्न रंगों के साँप देखे...
पिठोड़गढ़-चंडक मोटर मार्ग पर स्थित उल्का देवी मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थ है। इस मंदिर के पास एक टूरिस्ट रेस्ट हाउस और शहीदों को समर्पित एक स्मारक बना है। इस जगह से यात्री सोर घाटी के सुंदर नज़ारें देख सकते हैं।
कामाक्ष मंदिर, पिथोड़गढ़ से 7कि.मी. दूर स्थित पहाड़ी पर बना एक मंदिर है। पर्यटक इस पहाड़ी से आसपास की पर्वतश्रंखलाओं के सुंदर दृश्य देख सकते हैं। कामाक्ष मंदिर के पास सेना की छावनी स्थित है।
पास के गाँव भुवनेश्वर में समुद्रतल से 1350मी. ऊपर स्थित पटल भुवनेश्वर, एक गुफा में बना हुआ मंदिर है। चूंकि प्राथमिक रूप से यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इस गुफा में 33करोड़ देवी-देवताओं का निवास है।
एक पतली सुरंग गुफा की ओर...