1890 के आसपास भारत में अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान इस कृत्रिम झील का निर्माण किया गया था। झील मे जाकर आप परिवार के साथ पिकनिक मना सकते है और पास में ही बने पार्क में सैर कर सकते है।
इस झील के पानी से ही पूरे शहर में पीने के और अन्य दैनिक...
शहर से 4 किमी. दूर बना यह प्वाइंट चिखालदारा का खूबसूरत दृश्य दिखाता है एक तरफ से कॉफी बागान और दूसरी तरफ से पाँच पहाड़ियों को देखा जा सकता है।
इस जगह से कुछ चिल्लाने पर आपकी आवाज पांच बार आपको वापस सुनाई देती है इसीलिए इसे पंचबोल प्वाइंट कहा जाता...
चिखालदारा में बकादारी और कललकुंड नाम के दो बेहद सुंदर झरने है। यहां परिवार के साथ आएं और मौज-मस्ती करें। यहां का अपार सौंदर्य पर्यटकों को बांध लेगा।
यह फोर्ट पठार पर स्थित है जो लगभग 1000 साल पुराना है। माना जाता है कि इस किले को 12 वीं सदी के आसपास बनाया गया था। किले के प्रवेश द्वार को बारा दरवाजा के नाम से जाना जाता है।
यह जगह लगभग 3500 फीट गहरी है। माना जाता है कि भीम ने इसी गड्डे में राजा किचक को धक्का देकर मार डाला था। इस जगह से आसपास के झरने का लुक बेहद सुंदर लगता है।
वन रेंजर कॉलेज में विभिन्न जंगली जानवरों और पौधों की प्रजातियों को देखने का अवसर मिलता है। वहीं मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट को बाघों की घटती संख्या को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है।
यह एक नेशनल पार्क गुगामल का हिस्सा है। समय...
तेलीगढ़, जफ्राबाद और नारनाला ये तीनों किले मिलकर शाहनूर किले को बनाते है। नामाला इनका मध्य का किला है जो बाकी दोनों के बीच में स्थित है। इस सभी किलों के निर्माण के बारे में किसी को नहीं पता है। इस किले के द्वार को बड़ा दरवाजा कहा जाता है जो देखने में विशाल...