इरप्पू झरना, दक्षिण कूर्ग में ब्रह्मागिरि रेंज की पहाडि़यों में स्थित है जो ब्रह्मागिरि वन्यजीव अभयारण्य के एक ओर स्थित है। इस झरने को लक्ष्मण तीर्थ झरने के नाम से भी जाना जाता है जो लक्ष्मण तीर्थरिवर के पास में स्थित है जो कावेरी नदी की...
ब्रह्मगिरि वन्यजीव अभयारण्य, केरल के वायनाड और कर्नाटक के कूर्ग के बीचों - बीच स्थित है। यह पश्चिमी घाट पर स्थित है और इस अभयारण्य की सबसे ऊंची चोटी, ब्रह्मगिरि ही है। यह अभयारण्य 181 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह कूर्ग से लगभग 60 किमी. की दूरी...
ओमकारेश्वर मंदिर, कूर्ग के मादीकेरी हिल स्टेशन के बीचोंबीच स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका निर्माण 1820 में राजा लिंगराजेन्द्र ने करवाया था। इस मंदिर में मुस्लिम काल की वास्तुकला का प्रभाव देखने को मिलता है क्योंकि उस...
भागमंडला, हिंदूओं का पवित्र तीर्थ स्थल है। यह कावेरी नदी के तट पर स्थित है और यह कान्नीके की सहायक नदी है। इसे पवित्र नदी के पावन प्रभाव का रूप माना जाता है और त्रिवेणी संगम के रूप में जाना जाता है। तुला संक्रमण के दौरान, पर्यटक यहां आकर इसमें...
बीलूर गोल्फ क्लब, सोमवारपेट से 8 किमी. की दूरी पर स्थित है और यह इस शहर का सबसे पुराना क्लब है। यह एक प्राईवेट गोल्फ है और यहां परिवार मेंबरशिप लेकर खेलने आ सकते है। यह पूरा इलाका हरियाली से भरा हुआ है और हर साल यहां बीलूर ओपन टूर्नामेंट का...
राजा की सीट, कुर्ग जिले में मादीकेरी में सबसे महत्वपूर्ण स्थल है। यह एक गार्डन है जहां मौसमी फूल खिलते है और यहां कई खूबसूरत झरने है। यह सभी झरने म्यूजिक से चलते है जो देखने में बेहद सुंदर लगते है। इस बगीचे का नाम कोडागु राजा के नाम पर रखा गया। राजा...
बयालकुप्पे, भारत में दूसरा सबसे बड़ा तिब्बती स्थल है जिसका स्थान धर्मशाला के बाद आता है। यह कुशलनगर से 6 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां दो तिब्बती स्थल है जिनहे लुग्सम सामदुप्लिंग और डिकई लाओरसे के नाम से जाना जाता है। यह...
तालकावेरी हिंदुओ का पवित्र तीर्थ स्थल है। यह ब्रह्मगिरि पहाडियों पर स्थित है और इसे कावेरी नदी का उत्पत्ति स्थल माना जाता है। यह समुद्र स्तर से 1276 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। वर्तमान समय में यहां पर एक टैंक स्थित है जहां से कावेरी निकलती है।...
राजरा गाग्डीगे, कूर्ग का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह कोडगु के राजा दोड्डावीराराजेन्द्र लिंगराजेन्द्र और राजागुरू रूद्रारूप की समाधि स्थल है। यहां दो एक समान संरचनाएं है जो राजा दोड्डावीराराजेन्द्र और उनकी रानी की गुंबद है। यह एक...
निसारगाधाम एक वन्यजीव अभयारण्य है जहां कूर्ग की सैर के दौरान अवश्य आना चाहिए। यह एक द्वीप है जो कावेरी नदी के बीच में स्थित है। इस अभयारण्य में हाथी, खरगोश, और मोर को आसानी से देखा जा सकता है। इन सभी के अलावा, यहां बेंत के बाग, चंदन के पेड़ और...
मादीकेरी किला, कूर्ग में स्थित एक मिट्टी का किला है जिसे 17 वीं सदी में मुद्दाराजा के द्वारा बनवाया गया था। इस किले के अंदर एक महल भी है। इस किले को टीपू सुल्तान के द्वारा पुर्ननिर्मित करवाया गया था। 1790 में, दोड्डावीरा राजेन्द्र ने इस किले पर अपना...
सोमवारपेट एक पंचायत शहर है और यह सोमवारपेट तालुक के मुख्य शहर में आता है। यह स्थान, सोमवारपेट के आसपास का सबसे महत्वपूर्ण इलाका है जो पुष्पागिरि पहाडि़यों, कोटेबेट्टा और मक्कालागुडी बेट्टा के पास में ही स्थित है। पुष्पागिरि, कूर्ग की...
मल्लाइली झरना, कूर्ग का सबसे सुंदर झरना है। इस झरने का निर्माण कुमारधारा नदी से हुआ है। यह झरना, पुष्पागिरि पहाडि़यों की तलहटी से निकला है और इसकी ऊंचाई लगभग 62 किमी. है। यह झरना, सोमवारपेट के समीप स्थित है और हनचिनाल्ली से यहां की ओर बसें चलती है...
बुरूडे झरना का नाम बुरूडे शब्द से पड़ा है जिसका अर्थ होता है स्कूल, यह एक कन्नड़ भाषा का शब्द है। इस झरने की सैर का सबसे अच्छा सर्दियों के दौरान होता है और गर्मियों शुरू होने से पहले भी यहां का नजारा देखने लायक होता है।इस झरने के पास में...
सुंतीकोप्पा, कूर्ग का एक छोटा सा शहर है जो मादीकेरी और कुशलनगर के बीच में मंगलौर - मैसूर राज्य हाईवे पर स्थित है। संतीकोट्टा में कॉफी और दाल चीनी भी काफी मात्रा में पैदा होती है। यहां स्थित मधुरम्मा एस्टेट, इस क्षेत्र का सबसे एस्टेट है।...