नेशनल पार्क के दक्षिण पश्चिम में स्थित कलागढ़ बाँध एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। पनबिजली संयंत्र से युक्त यह बाँध पार्क को बिजली प्रदान करता है। इसके अलावा पक्षियों को देखने का यह प्रसिद्द स्थान है। ठंड के मौसम के दौरान पर्यटक यहाँ प्रवासी मुरगाबी देख सकते हैं।
रामनगर एक शहर है जो कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान के प्रवेश द्वार के समान है। यह नैनीताल जिले के नगर निगम बोर्ड के रूप में कार्य करता है और इसकी स्थापना 1856 और 1884 के बीच एच. रामसे ने की थी। पहले यह स्थान अहिछत्र के नाम से जाना जाता था और महाभारत के समय में उत्तरी...
कॉर्बेट नेशनल पार्क की सैर के लिए आने वाले पर्यटकों के बीच रिवर रॉफ्टिंग एक लोकप्रिय गतिविधि है। सुंदर कोसी नदी पर्यटकों को सफ़ेद पानी में रॉफ्टिंग का एक अवसर प्रदान करती है। नेशनल पार्क में इस नदी को रॉफ्टिंग के लिए संभावित और सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है। नदी के...
कॉर्बेट वॉटरफॉल 60 फुट की ऊँचाई से गिरता है और रामनगर से 25 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह स्थान कैम्पिंग, पिकनिक और पक्षी देखने के लिए आदर्श स्थान है। पिकनिक आने वालों के लिए वन विभाग प्रत्येक आवश्यक वस्तु प्रदान करता है।
यह क्षेत्र रामनगर वन प्रभाग का एक...
कॉर्बेट संग्रहालय कालाढुंगी में स्थित एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह प्रसिद्द ब्रिटिश शिकारी और संरक्षणकर्ता जिम कॉर्बेट का विरासत बंगला है। इस संग्रहालय में इस विशिष्ट व्यक्ति के व्यक्तिगत सामान, उनके पत्र, प्राचीन वस्तुएँ और साथ ही साथ पुराने और नए फोटोग्राफ...
कॉर्बेट नेशनल पार्क की सैर करने वाले पर्यटकों में फिशिंग की गतिविधि बहुत लोकप्रिय है। इस पार्क में कोसी नदी और रामगंगा नदी मशीर फिशिंग के लिए उपयुक्त स्थान है। इसके अलावा रामगंगा नदी पर मशीर फिशिंग के लिए विशिष्ट फिशिंग टूर भी आयोजित किए जाते हैं।
पर्यटक...
मंडल नदी कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की प्राकृतिक उत्तर पूर्वी सीमा है। यह नदी चमोली जिले के तल्ला सालन से निकलती है। दोमुंडा में रामगंगा नदी से मिलने से पहले मंडल नदी 32 किमी. का सफर तय करती है। इसके अलावा यह नदी मशीर मछली की प्रजनन भूमि है और पर्यटक यहाँ मछली पकड़ने...
कोसी नदी भारत के साथ साथ नेपाल की भी महत्वपूर्ण नदियों में से एक है और इसके आसपास का क्षेत्र पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है। ये पर्वत श्रेणियाँ उत्तर में इस नदी को यार्लुंग त्सांगपो नदी से अलग करती है। कोसी नदी जो सप्तकोशी या कोशी नाम से भी जानी जाती है पिछले 250...
गरजिया मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है जो एक विशाल चट्टान पर स्थित है। यह रामनगर से 14 किमी. की दूरी पर स्थित है और रानीखेत के रास्ते से यहाँ पहुँचा जा सकता है। कार्तिक पूर्णिमा के महीने में यहाँ एक वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है।
सीताबनी एक वन क्षेत्र है जो पक्षियों को देखने के लिए प्रसिद्द है और केवल यही एक स्थान है जहाँ पर्यटक पैदल चल सकते हैं। इस स्थान पर पर्यटक वाल्मीकि मंदिर और एक नदी देख सकते हैं। नदी के किनारे सरीसृप की विभिन्न प्रजातियां देखी जा सकती हैं। एक किवदंती के अनुसार हिंदू...
सीता बानी मंदिर रामनगर से 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर हिंदू देवी सीता (भगवान राम की पत्नी) को समर्पित है। किवदंती के अनुसार वे इसी स्थान पर भूमि में समाविष्ट हो गई थी। रामनवमी के पवित्र अवसर पर यहाँ प्रतिवर्ष एक मेले का आयोजन किया जाता है।
...सोनानदी नदी रामगंगा नदी की ही एक शाखा है। सोनानदी वन्यजीवन अभयारण्य का नाम इसी नदी के नाम पर पड़ा है।, जो कॉर्बेट नेशनल पार्क में रामगंगा नदी से मिलती है और उत्तरपश्चिम की ओर से पार्क में प्रवेश करती है। इस नदी को “सोने की नदी” कहा जाता है क्योंकि इसके...
सोनानदी वन्यजीवन अभयारण्य कॉर्बेट नेशनल पार्क की सीमा पर स्थित है। यह लगभग 301.18 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और एशियाई हाथियों और बाघों के लिए जाना जाता है। इसका नाम सोनानदी नदी के नाम पर पड़ा और यह एक ठेठ उत्तरी भारत उष्णकटिबंधीय वन है।...
कैम्प क्यारी कुमाऊं की तलहटी में क्यारी गाँव में स्थित है। पर्यावरणीय पर्यटन के इस क्षेत्र में पर्यटक हिमालय क्षेत्र के पारंपरिक ग्रामीण जीवन का अनुभव ले सकते हैं। यह कैम्प समुद्र सतह से 2800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से कॉर्बेट नेशनल पार्क देखा जा सकता...
सोट्स मौसमी धाराएँ हैं जो कॉर्बेट नेशनल पार्क में रहने वाले जानवरों के पीने का पानी का स्त्रोत हैं। ये धाराएँ पार्क की पारिस्थितिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस मौसमी धाराओं के अलावा यहाँ कुछ सदाबहार धाराएँ भी हैं जैसे पतेरपानी, लालधांग, कोथिराओ, झिरना,...