दीव एक छोटा सा द्वीप है जो गुजरात के सौराष्ट्र ( काठियावाड़ ) प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित है। सूर्य, रेत और समुद्र का संगम इस जगह को स्वर्ग बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ता है, यहां लहराते खजूर के पेड़ और अरब सागर की बलखाती लहरें इस द्वीप की सुंदरता में चार चांद लगा देते है।
प्राचीन और मध्ययुगीन काल में, दीव पर कई राजाओं और राजवंशों न शासन किया था। बाद में यह पुर्तगाली उपनिवेश बन गया और 1961 में इसे गोवा के साथ ही एक केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया। 1987 में इस द्वीप को गोवा को अलग कर दिया गया था।
दीव और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित पर्यटन स्थल
एक निर्धारित वातावरण में सूरज, रेत और समुद्र के साथ धन्य दीव की धरती भारत के सबसे उत्कृष्ट समुद्र तट के रूप में उभर रही है। इस द्वीप पर पागल कर देने भीड़ नहीं है, सुकुन छीन लेने वाला शोर नहीं है, तट की मौलिक गुणवत्ता अभी भी बनी हुई है और जो पर्यटक प्रकृति की महिमा में खो जाना चाहते है उनको यह द्वीप आकर्षित करता है।
दीव का मुख्य आकर्षण नागोआ तट है जो दीव से लगभग 20 मिनट की दूरी पर स्थित है। यह एक अर्द्ध - परिपत्र यानि सेमी सर्कुलर समुद्र तट है जिसका आकार घोड़े की नाल जैसा है। यह तट तैराकी के लिए सबसे अच्छा माना जाता है वैसे यहां आकर पर्यटक सेलिंग, बोटिंग, वॉटर स्कीइंग या इस तरह की अन्य साहसिक गतिविधियों का आनंद उठा सकते है।
घोघला तट, घोघला गांव में स्थित है जो दीव जिले के सबसे बड़े, शांत और शानदार समुद्र तटों में से एक है। यह समुद्र तट, तैराकी, पैरासेलिंग, सर्फिंग और अन्य रोमांचकारी पानी के खेलों के लिए एक आर्दश स्थल है।
जालंधर तट, दीव शहर से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस तट का नाम एक पौराणिक दानव के नाम पर रखा गया है जिसका मंदिर पास में स्थित एक पहाड़ी पर बना हुआ है। यह समुद्र तट, सौंदर्य, शांति और सौहार्द का प्रतीक है।
दीव में कई मंदिर और चर्च भी है। यहां का अन्य प्रमुख आकर्षण गंगेश्वर मंदिर है जो हिंदू धर्म के भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर दीव से तीन किलोमीटर की दूरी पर फादुम नामक गांव में स्थित है। यहां आकर पर्यटक सेंट पॉल चर्च( जिसका नाम सेंट पॉल के नाम पर पड़ा ), जीसस क्राइस्ट के एपोस्टल और सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी में भी जा सकते है जो दीव के सबसे पुराने चर्चो में से एक है। यहां स्थित सेंट थॉमस चर्च को पुर्तगालियों के द्वारा 1598 को बनवाया गया था।
दीव में कई रोचक संग्रहालय भी मौजूद है जिसमें सागर शैल संग्रहालय भी शामिल है। अगर आप दीव की सैर पर जाते है तो दीव किला और पानी कोठा किलों की सैर पर भी अवश्य जाएं।
दीव का मौसम
दीव में साल भर मौसम सामान्य रूप से सुखद रहता है।
दीव तक कैसे पहुंचे
दीव तक हवाई, रेल और सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।